उमा ठाकुर, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
हिमाचल प्रदेश भाषा, कला और संस्कृति विभाग हिन्दी भाषा के सम्मान में राज भाषा पखवाड़े का आयोजन जिला स्तर के साथ साथ एतिहासिक गेयटी थियेटर के तत्वावधान में प्रति वर्ष करता आया है, परन्तु इस वर्ष कोरोना काल के चलते राजभाषा हिंदी पखवाड़ा 2020 (1 सितंबर से 14 सितंबर तक) के विभिन्न कार्यक्रमों आयोजन सोशल मीडिया का प्रयोग करते हुए वेबिनार के माध्यम से किया गया। सप्ताह भर चले कार्यक्रमों में बहुत से वरिष्ठ और युवा साहित्यकार जुड़े।
वेबिनार के माध्यम से राज भाषा पखवाड़े में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 20 कवियों ने भाग लिया। इस अवसर पर साहित्यकार डॉ. सत्य नारायण स्नेही, वंदना राणा और कल्पना गांगटा ने हिंदी के सम्मान में कविताएं पढ़ी । दिनेश शर्मा ने "कंधे पर कुदाल", दीपक शर्मा ने "तेरा हर मनसूबे की खबर रखता हूँ",उमा ठाकुर ने "हाईटैक होती हिंदी" कविता पढ़ी। वरिष्ठ साहित्यकार गुप्तेशवर नाथ, वासुदेव, मीनू भास्कर, युवा कवि पोरस ठाकुर, आंचल ने भी वेबिनार के माध्यम से अपनी प्रस्तुतियाँ दी एवं अपने सृजन का जलवा बिखेरा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के चर्चित कवि आत्मा रंजन व संचालन विभाग की सहायक निर्देशक भाषा कुसुम संघाइक ने किया। विभाग की सहायक निर्देशक प्रकाशन अलका कैंथला ने अपने सुंदर वक्तव्य के साथ इस शानदार कार्यक्रम का संचालन व समापन किया। इस कार्यक्रम के दौरान विभाग की वरिष्ठ कर्मचारी सरोजना नरवाल और इस कार्यक्रम से जुड़े अन्य तकनीकी सहायक मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम के लिए वक्ताओं ने भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग का इस सुंदर आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई देते हुए कहा कि हिंदी भाषा का सम्मान आयोजनों तक ही सीमित न रहे, बल्कि हिंदी भाषा, जो देश की प्रतिष्ठा और संस्कार की भाषा है, उसके महत्व को देश का हर युवा समझे और अपने जीवन में आत्मसात करें, क्योंकि हिंदी ही ऐसी भाषा है, जो देश को एक सूत्र में बांधने में समर्थ है और विश्व भाषा बनने की अधिकारी है।
आयुष्मान (साहित्य सदन) पंथाघाटी, हिमाचल
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