साक्षी, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
हिंदी थी वह भाषा,
जो दिलों में उमंग भरा करती थी।
हिंदी थी वह भाषा,
जो लोगों के दिलों में बसा करती थी।
हिंदी तो थी
जन-जन की भाषा और क्रांति की परिभाषा ।
हिंदी तो थी संचार का साधन ,
यही तो थी लोगों की अभिलाषा
आओ मिलकर सब प्रण ले ,
हम करेंगे हिंदी का सम्मान।
पूरी करेंगे हिंदी की अभिलाषा ,
देंगे उसे दिलों में विशेष स्थान।
कक्षा छ: की छात्रा
राजकीय उच्च विद्यालय ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
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