शि.वा.ब्यूरो, गौतमबुद्धनगर। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पेपरलेस वर्क शुरू कर दिया है। यह प्राधिकरण का डिजिटल इंडिया की तरफ एक सराहनीय कदम है। धूल की मोटी फाइलों के बजाय अब कंप्यूटर स्क्रीन पर ही फाइलों पहुंचेगी। अधिकारी कंप्यूटर पर ही फाइलों को अप्रूव करेंगे। पेपरलेस वर्क की शुरुआत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कर दी है।
उत्तर प्रदेश में पहली बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ईआरपी लागू हुआ है। ऐसे में फाइलों को ढूढने का झंझट, फाइल लटकने और गुम होने जैसे मामले कम हो सकेंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ईआरपी इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग सिस्टम के तहत पेपरलेस व्यवस्था शुरू की है। इसके संचालन के लिए अथॉरिटी ने निजी कंपनी टेक महिंद्रा को ये काम सौंपा है। इस काम में तकरीबन 60 करोड तक खर्चा आएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ईआरपी सिस्टम का पहला चरण शुरू हो गया है। प्राधिकरण अब पेपरलेस वर्क कल्चर की ओर कदम बढाया है। हर फाइल डिजिटल रूप में अफसरों के पास पहुंचेगी। अधिकारी उस पर डिजिटल हस्ताक्षर ही करेंगे। डिजिटल फाइलों में गड़बड़ी की आशंका बेहद कम हो जाएगी।
जानकारों कि माने तो फर्जी हस्ताक्षर कर आदेश जारी करने जैसे मामले भी कम होंगे। फाइल को फाइनल करने से पहले संबंधित अधिकारी के पास ओटीपी आएगा। उस ओटीपी को सिस्टम में इंटर करने के बाद ही डिजिटल हस्ताक्षर हो पाएंगे।
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