हवलेश कुमार पटेल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
स्वतंत्र भारत में जन्में देश के प्रथम प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के बारे में अधिसंख्यक भारतीयों सहित विदेशों में बसने वाले करोड़ों लोगों का मानना है कि नरेन्द्र मोदी कोई साधारण पुरूष नहीं है, बल्कि में वे अवतारी पुरूष हैं, उनमें देवात्मा वास करती है। चुनौतियों को अवसरों में बदल देना नरेन्द्र मोदी की खूबियों में शामिल है। प्रधानमंत्री पदभार ग्रहण करने से पूर्व नरेन्द्र मोदी चार पंचवर्षीय योजनाओं में 7 अक्तूबर 2001 से 22 मई 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री पद का दायित्व सम्भाल चुके हैं। वेे दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने थे और वर्तमान में प्रधानमंत्री के रूप में देश को नई दिशा और दशा प्रदान में जुटे हुए हैं। नरेन्द्र मोदी भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य हैं। नरेन्द्र मोदी अपनी विशिष्ट जीवन शैली के लिये समूचे राजनीतिक हलकों में जाने जाते हैं। उनके व्यक्तिगत स्टाफ में केवल तीन ही लोग रहते हैं, कोई भारी-भरकम अमला नहीं होता, लेकिन कर्मयोगी की तरह जीवन जीने वाले मोदी के स्वभाव से सभी परिचित हैं।
गुजरात (तत्कालीन बॉम्बे राज्य) के मेहसाना जनपद स्थित वडनगर के एक गुजराती परिवार में 17 सितम्बर 1950 को माता हीराबेन मोदी और पिता दामोदरदास मूलचन्द मोदी के पुत्र रूप में जन्में मोदी बचपन गरीबी में बीता। वे छह भाई-बहनों में तीसरे नम्बर के थे। उन्होंने होश सम्भालते ही चाय बेचने में अपने पिता की मदद करना आरम्भ कर दिया था। बाद में उन्होंने अपना खुद का टी स्टाल भी चलाया। आठ साल की उम्र में वे आरएसएस से जुड़ गये थे। स्नातक की परीक्षा उत्र्तीण करने के बाद उन्होंने अपने घर छोड़ दिया दिया और दो साल तक भारत भर की यात्रा की और कई धार्मिक केन्द्रों पर भी गये। इसके बाद गुजरात लौटने पर 1971 में वह आरएसएस के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। 1975 में देश भर में आपातकाल की स्थिति के दौरान उन्हें कुछ समय के लिए छिपना पड़ा। 1985 में वे बीजेपी से जुड़ गये थे। 1995 में राष्ट्रीय मन्त्री के नाते उन्हें पाँच प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम दिया गया, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। 1998 में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामन्त्री (संगठन) का उत्तरदायित्व दिया गया। इस पद पर वह अक्टूबर 2001 तक काम करते रहे।
भारतीय जनता पार्टी ने 7 अक्टूबर 2001 में केशुभाई पटेल को हटाकर गुजरात के मुख्यमन्त्री पद की कमान नरेन्द्र मोदी को सौंप दी। इसके बाद वे जल्द ही विधानसभा के सदस्य चुने गए। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी नीतियों को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए श्रेय दिया गया। मुख्यमन्त्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने पंचामृत, सुजलाम् सुफलाम्, कृषि महोत्सव, चिरंजीवी योजना, मातृ-वन्दना, बेटी बचाओ, ज्योतिग्राम, कर्मयोगी अभियान, कन्या कलावाणी, बालभोग, वनबन्धु विकास कार्यक्रम योजना क्रियान्वित की थी। इसके साथ ही श्री मोदी ने आदिवासी व वनवासी क्षेत्र के विकास हेतु गुजरात राज्य में वनबन्धु विकास हेतु एक अन्य दस सूत्री कार्यक्रम भी चलाया था, जिसके तहत पाँच लाख परिवारों को रोजगार, उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता, आर्थिक विकास, स्वास्थ्य, आवास, साफ स्वच्छ पेय जल, सिंचाई, समग्र विद्युतीकरण, प्रत्येक मौसम में सड़क मार्ग की उपलब्धता और शहरी विकास योजनाओं को अमलीजाम पहनाया गया। 13 वर्ष तक वे गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री बने रहे।
गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए उनके नेतृत्व में भाजपा ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की और 26 मई 2014 को देश के प्रधानमंत्री पद की कमान उन्हें सौंपी गयी। उनके प्रथम प्रधानमंत्रित्व काल में भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एवं बुनियादी सुविधाओं पर खर्च तेजी से बढ़ा, अफसरशाही में कई सुधार किये गये तथा योजना आयोग को हटाकर नीति आयोग का गठन किया गया। इसके बाद वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने उनके नेतृत्त्व में दोबारा चुनाव लड़ा और पार्टी ने कुल 303 सीटों पर जीत हासिल की। 30 मई 2019 को नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। विकास पुरुष के नाम से ख्याति प्राप्त करने वाले नरेन्द्र मोदी को नमो नाम से भी जाना जाता है। टाइम पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया था।
13 वर्ष की आयु में नरेन्द्र की सगाई जसोदा बेन चमनलाल के साथ कर दी गयी और 17 वर्ष की आयु में जसोदा बेन चमनलाल के साथ उनका विवाह हो गया था, परन्तु कुछ समय बाद वे दोनों एक दूसरे के लिये अजनबी हो गये थे। नरेन्द्र मोदी ने घर त्याग दिया था। नरेन्द्र मोदी के मुताबिक एक शादीशुदा के मुकाबले अविवाहित व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ जोरदार तरीके से लड़ सकता है, क्योंकि उसे अपनी पत्नी, परिवार व बालबच्चों की कोई चिन्ता नहीं रहती। हालांकि नरेन्द्र मोदी ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर जसोदाबेन को अपनी पत्नी स्वीकार किया है। जशोदा बेन गुजरात के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्य किया करती थी, जो अब रिटायर हो चुकी हैं।
गोआ में भाजपा कार्यसमिति द्वारा नरेन्द्र मोदी को 2014 के लोक सभा चुनाव अभियान की कमान सौंपी गयी थी। 13 सितम्बर 2013 को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में आगामी लोकसभा चुनावों के लिये प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया था। प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद मोदी की पहली रैली हरियाणा प्रान्त के रिवाड़ी शहर में हुई थी। इस दौरान तीन लाख किलोमीटर की यात्रा कर पूरे देश में 437 बड़ी चुनावी रैलियाँ, ३-डी सभाएँ व चाय पर चर्चा आदि को मिलाकर कुल 5827 कार्यक्रम किये।
प्रथम प्रधानमंत्रित्व काल में नरेन्द्र मोदी ने वन रैंक वन पेन्शन, नागा विद्रोहियों के साथ शान्ति समझौता, पाक मंे सर्जिकल स्ट्राइक, सीमा पर चीन की मनमानी का कड़ा विरोध और प्रतिकार, हजारों एनजीओ का पंजीकरण रद्द करना, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय न मानना, तीन बार तलाक कहकर तलाक देने के विरुद्ध निर्णय व जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने आदि कार्यों को काफी सराहा गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दक्षिण कोरिया में सियोल शांति पुरस्कार 2018 से नवाजा गया। इस पुरस्कार को पाने वाले नरेन्द्र मोदी पहले भारतीय और चैदहवें व्यक्ति हैं। अप्रैल 2016 में नरेन्द्र मोदी सउदी अरब के उच्चतम नागरिक सम्मान अब्दुलअजीज अल सऊद के आदेश से सम्मानित किये गये हैं। जून 2016 में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार अमीर अमानुल्ला खान अवॉर्ड से सम्मानित किया था। सितम्बर 2018 में श्री मोदी को चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड सम्मान प्रदान किया गया था। 4 अप्रैल 2019 को संयुक्त अरब अमीरात ने अपने देश का ऑर्डर ऑफ जयेद नामक सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, 12 अप्रैल 2019 को रूस ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान सेंट ऐण्ड्रू ऑर्डर से सम्मानित किया था। नरेन्द्र मोदी को 2014 में फोर्ब्स पत्रिका में विश्व के शक्तिशाली व्यक्तियों में 14वां स्थान दिया था। 2016 को फोब्र्स पत्रिका के सर्वे में विश्व के शक्तिशाली व्यक्तियों में 9 वां स्थान प्राप्त हुआ था। देश के 15 वें प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में वर्तमान में भी पूरे देश में मोदी लहर कायम है।