बिजली विभाग के कर्मचारी मगरूर, अधिकारी मजबूर, नहीं जमा करा पाये विद्युत उपभोक्ताओं के बिल


शि.वा.ब्यूरो, खतौली। बिजली विभाग के अफसर चाहें जितने भी दावे कर लें, लेकिन यह तय है कि वे कर्मचारियों के आगे किस कदर मजबूर हैं, इसकी बानगी उस समय देखने को मिली, जब शिकायत के बावजूद विभागीय एसडीओ, अधिशासी अभियंता और यहां तक पश्चिमांचल के प्रबन्ध निदेशक भी अपने हठी कर्मचारी से अपना विद्युत बिल जमा कराने आये उपभोक्ताओं का बिल जमा नहीं करा पाये। इतना ही नहीं उक्त कर्मचारी ने अपने अफसरों को कठघरे में खडा करते हुए यहां तक चैलेंज कर डाला कि अफसरों को क्या पता काम कैसे होता है, वे तो खुद 12 बजे घर से निकल कर आते हैं और हम सुबह 8.30 बजे से अपने काऊंटर पर आकर बैठ जाते हैं, इसलिए चाहे कोई कुछ भी कह ले 1 बजे के बाद बिजली के बिल नहीं जमा किये जायेंगे।
हुआ यूं कि 13 अगस्त को लगभग दोपहर 12.50 बजे बजे कुछ विद्युत उपभोक्ता अपना विद्युत बिल जमा कराने नगर के बुढ़ाना रोड़ स्थित बिजली विभाग के काउंटर पर पहुंचे तो सम्बन्धित कर्मचारी ने कहा कि वह अपना सारा हिसाब मिला चुका है। अब कल ही बिल जमा हो पायेंगे। जब उपभोक्ताओं ने सम्बन्धित कर्मचारी से पूछा कि बिल कितने बजे तक जमा होते हैं तो उसने बताया कि बिजली के बिल केवल 1 बजे तक ही स्वीकार किये जाते हैं। जब उक्त की बाबत विभागीय अधिशासी अभियंता के संज्ञान में लायी गयी तो उन्होंने बताया कि बिजली के बिल अपराहन 3 बजे तक जमा करने का प्रावधान है और वे इस बाबत वे सम्बन्धित एसडीओ से कहकर बिल अवश्य ही जमा करायेंगे। काफी देर बाद जब उनसे फिर बात की गयी तो उन्होंने कहा कि वे व्यवस्था करा रहे हैं। उक्त की बाबत जब पश्चिमांचल विद्युत वितरण के प्रबन्ध निदेशक (आईएएस अफसर) से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि विद्युत बिल 3 बजे तक जमा किये जाते हैं और वे मामले को दिखवाते हैं। इसके बाद कुछ परिणाम निकलते न देख फिर एक्सीएन अधिशासी अभियंता से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि वे सम्बन्धित कर्मचारी के खिलाफ डिसीप्लीनरी एक्शन लेंगे और उपभोक्ता कल अपना बिल जमा करा दें। अफसर 3 बजे तक विद्युत बिल जमा करने का नियम होने के बावजूद उपभोक्ताओं के बिल नहीं जमा करा पाये और बिल जमा कराने के लिए लाइन में खड़े 80 साल का बुजुर्ग को लाख मिन्नतें करने के बावजूद बिल जमा कराये बिना ही मायूस लौटना पड़ा। इसके विपरीत विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता ने कर्मचारी के खिलाफ डिसीप्लीनरी एक्शन लेने का झूठा झांसा देकर अपने दायित्व की इतिश्री कर ली।
जानकारों की मानें तो विद्युत बिलों को जमा करने का ठेका किसी कम्पनी के पास है और उस कम्पनी के कर्मचारियों पर विद्युत विभाग के अफसरों का कोई नियंत्रण नहीं है। अपना नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर विद्युत विभाग से जुड़े एक युवक ने बताया कि लेन-देन के चलते विद्युत विभाग के अफसर लाचार बने हुए हैं, जिसके चलते उन्होंने दोपहर 1 बजे ही विद्युत बिलों के पैसे बैंक में जमा करने के लिए वाहन देते हैं, यदि 3 बजे तक ही बिल जमा कराने हैं तो एक बजे पैसे जमा कराने हेतु वाहन भेजने की क्या जरूरत है।


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