....तो छत के नीचे दब जाते बच्चे


शि.वा.ब्यूरो, मिर्जापुर। लाॅकडाउन जनपद के ब्लाक हलिया के अन्तर्गत नदना ग्राम सभा के खंभवा के बच्चों व उनके अभिभावकों के लिए वरदान साबित हुआ है। यदि लाॅकडाउन न लगा होता तो अफसरों व ठेकेदारों की मिलीभगत का शिकार विद्यालय में अध्यनरत् बच्चो को होना पड़ता और स्कूल के भवन के नीचे दबकर न जाने कितने अभिभावकों की आंखों के तारो की जीवन लीला  समाप्त हो जाती। न जाने कितनी माताओं की गोद उजड़ जाती। अभिभावक स्कूल बिल्ड़िंब के गिरने पर इस बात का शुक्र बना रहे हैं कि भला हो लाॅकडाउन का जो बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। अन्यथा कुछ भी हो सकता था। 
भ्रष्टाचार मे लिप्त कुछ अफसर इस कदर गिर जाएंगे, किसी ने सोचा भी न होगा कि ये बच्चों के जिन्दगी के साथ भी खिलवाड़ करने से भी नही चूकेंगे। जनपद के ब्लाक हलिया के अन्तर्गत नदना ग्राम सभा के खंभवा मे कुछ वर्ष पूर्व ही प्राथमिक विद्यालय का भवन बनाया गया था, जो कि हाल में ही ध्वस्त भी हो गया है। इसके बावजूद भी अभी तक इन सबके जिम्मेदारों के खिलाफ कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है, इस विषय पर कोई भी बोलने को तैयार नहीं है। और मीडिया से बचते नजर आ रहे हैं। जब खण्ड़ शिक्षा अधिकारी धनन्जय सिंह से इस बारे में जानना चाहा उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया।
क्षेत्रीय लोगों के जहन में यह सवाल कौंध रहा है कि भवन के निर्माण में ऐसा0 कौन से मटेरियल का उपयोग किया गया कि विद्यालय की छत पांच वर्ष भी नहीं टिक सकी।


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