प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अनिवार्यता समाप्त, अब किसान अपनी इच्छा अनुसार करा सकेंगें फसलों का बीमा


शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर।.जिला कृषि अधिकारी जसबीर सिंह तेवतिया ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अपनी इच्छा के अनुसार अब किसान फसलों का बीमा करा सकेंगें। पहले केसीसी लेने वाले किसानों के लिए फसल बीमा कराना अनिवार्य था और किसानों के खाते से फसल बीमा का प्रीमियम निर्धारित समय से कट जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेना चाहेंगे उन्हें ही इस योजना में शामिल किया जायेगा और जो किसान इस योजना से बाहर जाना चाहते हैं वह 31 जुलाई 2020 के सात दिन पहले तक अपने सम्बन्धित बैंक में जाकर एक लिखित प्रार्थना पत्र देना होगा उसके बाद उनका नाम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से हट जायेगा। गैर ऋणी किसान सी0एस0सी बैंक ऐजेण्ट व बीमा पोर्टल के माध्यम से स्वयं बीमा कर/करा सकते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में खरीफ में अधिसूचित फसल हेतु जैसे धान पर कुल बीमित धनराशि का 2.00 प्रतिशत, रबी में अधिसूचित फसल हेतु जैसे गेंहूँ, सरसों पर कुल बीमित धनराशि का 1.5 प्रतिशत व बागवानी फसलों हेतु कुल बीमित धनराशि का 5.00 प्रतिशत प्रीमियम देय है। आंधी, तूफान, ओलावृष्टि के कारण तैयार फसल किसानों की नष्ट हो जाती थी। इससे किसान परेशान हो जाते थे, जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की, लेकिन प्रीमियम कटने के बावजूद भी ज्यादातर किसानों को बीमा का लाभ नहीं मिलता था। जिसके कारण किसानों ने पिछले कई वर्षो से स्वेच्छानुसार फसल बीमा किए जाने की मांग शासन से करते आ रहें थे। जिसे ध्यान में रखते हुए शासन ने प्रधानमंत्री फसल बीमा, योजना को स्वैच्छिक कर दिया है।


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