डॉं दशरथ मसानिया, मालवा। कुरुक्षेत्र की जिस भूमि पर श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया, उसी भूमि पर शिक्षा नवोदय क्रांति सामयिक ई पत्रिका का प्रकाशन हो रहा है। पहला अंक पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई। पत्रिका के संपादक गुरुजी संदीप ढिल्लो ने स्कूली शैक्षणिक नवाचार में एक अद्भुत काम किया है। निश्चित ही नवोदय क्रांति परिवार देश का ही नहीं बल्कि विश्व का एक बहुत बड़ा सामाजिक शैक्षणिक क्रांति मंच होगा।
इस मंच से जहां एक ओर राष्ट्र को जोड़ने की कल्पना है तो दूसरी ओर बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा कर शिक्षा को नई दिशा देने का उद्देश्य है। आप इस मिशन को आगे बढ़ाते रहेंगे। हम सदैव आपके साथ हैं और अच्छे काम के लिए सहयोग करते रहेंगे।
नए नए शिक्षकों के नए प्रयोग और छोटी सी नवीन विधि को ऊपर तक ले जाकर पूरे देश में फैलाना यह हमारा उद्देश्य होना चाहिए इस काम को आप बखूबी कर रहे हैं।
शैक्षणिक दुनिया में आज नवाचार का बोलबाला है और वही व्यक्ति/ संस्थाएं आगे बढ़ेंगे जो चौमुखी विकास में अपनी भावनाएं निष्काम भाव से दुनिया के लिये करेंगी।सरकारी स्कूलों का स्तर सुधारना ताकि गरीब परिवार की प्रतिभाओं को निखारा जा सके। इस लक्ष्य को कितनी सफलता मिलती है भविष्य बतायेगा। मुझे लगता है इस पत्रिका ने देश के सभी राज्यों के प्रतिनिधियों को जोड़कर जो एक नए भारत का निर्माण किया है। शिक्षा जगत में बहुत ही प्रशंसनीय और अपने आप में एक नवाचारी कदम है। एक अच्छी बात यह भी है पत्रिका शिक्षा में कुरुतियों,अश्लीलता,फूहड़ता,राजनीति,जातिवाद या अंधविश्वास को कोई स्थान नहीं देती हैं। शिक्षा जगत में निश्चित ही मानवता का स्थान सर्वोपरि होना चाहिए ताकि मानव जाति का पूर्ण विकास हो सके। यह भी प्रसन्नता की बात है कि नवोदय परिवार वर्ष में एक बार सभी शिक्षकों का सम्मेलन करता हैं ताकि सभी शिक्षकों की उपलब्धियों को पूरे देश भर के विद्वानों के सामने मंच पर प्रस्तुत किया जा सके।
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