डॉ. दशरथ मसानिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
दस दस लेखक कविन को, पढ़िये पाठ विचार।
एकादश आरोह में, साहित्य का भंडार।।
प्रेमचंद की महिमा भारी।
गद्य कथा के हैं अधिकारी। 1
प्रथम पाठ है नमक दरोगा।
पंडित मुंशी धरम संयोगा। 2
धरमहि धन को मार भगाया।
तभी दरोगा मान कमाया। 3
कृष्णा सोबत हमें सुनाई।
नसरू मियां रोटी पकाई। 4
अपू के संग ढाई साला।
सत्य राय पथेर पंचाला। 5
बालमुकुंद कर्जन कारण।
व्यंग्य लेख विदाई भाषण। 6
शेखर जोशी गलता लोहा।
सरलकथा ने सब जन मोहा। 7
राम लुहा औजार बनाता।
पंडित मोहन सृजन कराता। 8
कृष्ण नाथ यात्रा बखानी।
इस्पीति में बारिश सुखानी। 9
पट्ट कथा रजनी भंडारी।
संघर्षों से जूझत नारी। 10
कृष्ण चंद का जामुन पेड़ा।
आफिस के सब कामअटेरा। 11
लाल जवाहर भारत माता।
देश धरम जनजन से नाता। 12
सैयद हैदर आतम लेखा।
आतम ताप चित्रांकन रेखा। 13
ये दस गद्य पाठ है भाई।
अरु लेखक भी सभी कहाई। 14
काव्य खंड भी दस हैं पाठा।
कविता आरोह पढ़ें सपाटा। 15
निरगुण कवि है ज्ञान अधारा।
संत कबीरा सत्य विचारा। 16
हम तो एक एक करि जाना।
सांची कबिरा कही बखाना। 17
संतो देखो जग बौराना।
सांच छोड़ते करत गुमाना। 18
मीरा के गिरधर गोपाला।
मोहनि मूरति नैन विशाला। 19
बांधे धुंघरू मीरा नाची।
नारायण की हो गइ दासी। 20
आंखों पानी कृष्ण दिवानी।
मारवाड़ में बनी कहानी। 21
पथिक राम नरेश की रचना।
श्रम की कथा कवि के वचना। 22
सुमित्रानंदन की वे आंखें।
रचते कविता लिखते पाखें। 26
कृषक के दरद करुणा गाथा।
प्रगतिवाद की कविता भाखा। 27
घर की यादें कवी भवानी।
लिखी जेल में देश रवानी। 28
सावन वर्षा राखी आई।
भाई बहिना याद सताई। 29
चंपा काले काले आछर।
नहिं चींहती है हस्ताक्षर। 30
चंपा सुंदर ग्वाला बेटी।
भोली सी कोमल है चेटी। 31
संघर्षों की कविता गाई।
तिरलोचन की रचना भाई। 32
दुष्यंता की गजल सुहाई।
जब साये में धूप समाई। 33
साहित रचते कविता गाते।
आम जनो के दरद सुनाते। 34
हे मेरे जूही के फूला।
रचना है देवी की मूला। 35
कन्नड़ मीरा अकमहदेवी।
शिव को पूजे साहित सेवी। 36
सबसे खतरनाक रचना दी।
पाश जलंधर कवि पंजाबी। 37
आओ मिलकर हवा बचाएं।
निर्मल पुतु की कविता गायें। 38
झारखंड के हैं वनवासी।
ये संथाली मस्त समाजी। 39
जो आरोह चालिसा गावे।
हिन्दी ग्यारह में तर जावे। 40
पाठों का परिचय पढ़े, हिन्दी का लें ज्ञान।
अच्छे नम्बर पाइये, कहत हैं कवि मसान।।
आगर (मालवा) मध्य प्रदेश