श्रीराम काॅलेज में शैक्षिक संस्थानों में आतंरिक गुणवत्ता योजना का निष्पादन विषय पर आयोजित कार्यशाला का 5वां दिन, डाटा विश्लेषण और प्रबन्धन विषय पर हुई चर्चा

 



शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर।  श्रीराम ग्रुप ऑफ़ काॅलिजेज में शैक्षिक संस्थानों में आतंरिक गुणवत्ता योजना का निष्पादन विषय पर दो सप्ताह तक चलने वाली ऑनलाईन कार्यशाला के पाॅचवे दिन का विषय ‘‘डाटा विश्लेषण और प्रबन्धन’’ रहा। आज के सत्र में रिटायर्ड आईएएस एवं गुडविल सोसाइटी ऑफ इंडिया मेरठ के चेयरमेन डाॅ0 आरके भटनागर ने बतौर मुख्य अतिथि एवं जैन कन्या महाविद्यालय की प्रवक्ता डाॅ0 पूनम शर्मा ने बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। 
श्रीराम इंजीनियरिंग काॅलेज की डीन एकेडमिक डाॅ0 साक्षी श्रीवास्तव ने बताया कि डाटा विश्लेषण एवं प्रबन्धन डाटा की जाँच करने, उनको परिवर्तित करने तथा उचित रख-रखाव की प्रक्रिया का नाम है, जो उपयोगी सूचना का अन्वेषण करने, निषकर्ष प्रस्तुत करने तथा निर्णय लेने में सहायता प्राप्त करने के उद्देश्य से की जाती है। डाटा विश्लेषण के अनेकों पक्ष तथा अनेकों तरीके हैं। डाटा विश्लेषण और प्रबन्ध एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बहुत बडे डाटा में से उपयोगकर्ता द्वारा चाही गयी सूचनाओं को अलग किया जाता है, जिसे राॅ-डाटा कहते है क्योंकि यह डाटा सीधे तौर पर प्रयोग नहीं होता है। इसे उपयोगकर्ता की आवश्यकता के अनुसार एक ऐसे रूप में परिवर्तित किया जाता है, जोकि उपयोगकर्ता के लिए सरलतापूर्वक समझने योग्य हो और उसके आधार पर उपयोगकर्ता कोई निर्णय ले सकें। एक बार डाटा विश्लेषण हो जाने के पश्चात उपयोगकर्ता को उनकी आवश्यकताओं के आधार पर कई स्वरूपों में प्रस्तुत किया जा सकता है तथा उपयोगकर्ता की प्रतिक्रिया के अनुसार इसे दोबारा अतिरिक्त विश्लेषण के लिए भेजा जा सकता है।



शैक्षिक संस्थानो में डाटा विश्लेषण और प्रबन्ध की उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानो में प्रत्येक वर्ष बहुत बडी मात्रा में डाटा तैयार होता है। यदि इस डाटा का सही प्रकार से विश्लेषण किया जाए तो यह डाटा कई तरीको से शिक्षण संस्थान के काम आ सकता है। डाटा विश्लेषण से हम जान सकते है कि हमारी शैक्षिक संस्थान अन्य संस्थानो के मुकाबले किस क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहीं है तथा किस क्षेत्र में हमे कितने सुधार की आवश्यकता है। शिक्षण संस्थान एवं उसमें अध्ययनरत विद्यार्थियों की साल दर साल क्या प्रगति है, विद्यार्थियों को उनके परीक्षाफल एवं उनकी प्रगति के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में श्रेणीबद्ध करना आदि बहुत से कार्य डाटा विश्लेषण के माध्यम से आसानी से किए जा सकते है।
 विशिष्ट अतिथि डाॅ0 पूनम शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी शैक्षिक संस्थान में नित होने वाली गतिविधियों को संकलित करना बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस प्रकार से संकलित की गयी गतिविधियों का विश्लेषण संस्थान के विकास एवं संस्थान की सेहत का आंकलन करने का प्रभावी तरीका है। जिसके माध्यम से संस्थान की समस्याओं को चिन्हित कर उनका समाधान संभव तो हो ही जाता है साथ ही भविष्य के लिए डाटा विशलेषण एक अध्ययन के तौर पर हमेशा प्रभावी बना रहता है।



    इस अवसर पर श्रीराम काॅलेज की प्राचार्य डा0 प्रेरणा मित्तल, श्रीराम काॅलेज निदेशक डा0 आदित्य गौतम, श्रीराम काॅलेज ऑफ लाॅ के प्राचार्य डा0 रविन्द्र प्रताप सिंह, श्रीराम गर्ल्स काॅलेज के निदेशक डा0 मनोज धीमान, श्रीराम काॅलेज ऑफ इंजीनियरिंग के निदेशक डा0 आलोक गुप्ता, श्रीराम काॅलेज ऑफ मैनेजमेंट के डीन पंकज शर्मा, श्रीराम काॅलेज के एकेडिमिक डीन डा0 विनित शर्मा, पत्रकारिता एवं जनसंचार के विभागाध्यक्ष रवि गौतम, कम्प्यूटर एप्लीकेशन विभाग के डीन निशांत राठी, प्रोफेसर नीतू सिंह, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के विभागाध्यक्ष विवेक त्यागी, वाणिज्य के विभागाध्यक्ष डा0 सौरभ मित्तल, बेसिक साइंस की विभागाध्यक्षा डा0 पूजा तोमर, बायोसाइंस के विभागाध्यक्ष डा0 सौरभ जैन आदि लगभग 100 लोग वेबिनार में उपस्थित रहे। 


Post a Comment

Previous Post Next Post