बलजीत सिंह "बेनाम", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
आपकी तो दिल्लगी है
जान पर मेरी बनी है
आदमी का दर्द समझे
वो ही यारो आदमी है
ज़लज़ला तब कोई आता
बेबसी जब चीखती है
ज़िंदगी अच्छी बुरी हाँ
जैसी भी थी हमने जी है
103/19 पुरानी कचहरी कॉलोनी, हाँसी
बलजीत सिंह "बेनाम", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
आपकी तो दिल्लगी है
जान पर मेरी बनी है
आदमी का दर्द समझे
वो ही यारो आदमी है
ज़लज़ला तब कोई आता
बेबसी जब चीखती है
ज़िंदगी अच्छी बुरी हाँ
जैसी भी थी हमने जी है
103/19 पुरानी कचहरी कॉलोनी, हाँसी