Homepoem ज़िंदगी byHavlesh Kumar Patel -May 17, 2020 0 बलजीत सिंह "बेनाम", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।आपकी तो दिल्लगी हैजान पर मेरी बनी हैआदमी का दर्द समझेवो ही यारो आदमी हैज़लज़ला तब कोई आताबेबसी जब चीखती हैज़िंदगी अच्छी बुरी हाँजैसी भी थी हमने जी है103/19 पुरानी कचहरी कॉलोनी, हाँसी Tags poem Facebook Twitter