डाॅ दशरथ मसानिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
कोरोना के इस दौर में, दुनिया का टूटा अभिमान।
चीन, फ्रांस, इटली,जापान, स्पेन, अमेरिका खतरे जान
जर्मन, टर्की, रुस, ईरान, रो रहा है पाकिस्तान।
कोरोना के इस संकट में, तुमहि बताओ कौन महान
सोच समझकर पता चला है, बूढ़ी मां ने सच कहा है
जो मानव की सेवा करते, सदा सच्चा धर्म वहां है।
जय जय मेरे हिंदुस्तान, स्वास्थ्य दाता जय विज्ञान।
रक्षा करता जय जवान, अन्नदाता जय किसान।
सफाईकर्मी स्वच्छ अभियान, उनका भी मैं गाता गान।
लाकडाउन के मौके पर, देखो आज बुरे हैं हाल।
पशुओं की जो सेवा करता, दूध बेचता जय-जय ग्वाल।
थैली खोल के देते दान, उन भामाशाह को प्रणाम।
घर-घर जाकर भोजन बाटें, सेवा करते वे इंसान।
अपनी जान हथेली लेके, खबर छापते सच्चा ज्ञान।
नित्य नए नवाचारों से, करते हैं शिक्षा का दान।
नमन कीजिए उनका ज्ञान, घर में करते योगा ध्यान।
सदियों से इतिहास गा रहा, जयभारत जय हिंदुस्तान।
आगर (मालवा) मध्य प्रदेश