कारँवा लुट गया इसका मलाल नही, अफसोस ये हैं कि रहबर तू था (शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र के वर्ष 12, अंक संख्या-28, 7 फरवरी 2016 में प्रकाशित लेख का पुनः प्रकाशन)


सुनील वर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।


गांधी जी आपको शत-शत नमन। हां, गांधी जी! नाथूराम गेडसे सचमुच में एक सिरफिरा था। वो पिस्तोल चलाना जानता था, लेकिन गुलामी से ऐसा प्रेम क्यों था उसको, कि किसी अंग्रेज को कभी एक कंकड भी फेंककर नही मारा, लेकिन जब देश आजाद हो गया तो उसका हिन्दुत्वादी शौर्य अचानक कैसे जाग गया? और उसने एक ऐसे बुढे निहत्ते की छाती पर एक नही तीन-तीन गोलीया दाग दी। जो सुबह-शाम रामधुन गाता था।
हां देश के राष्ट्रपिता! गोड़से ने जिन तत्कालीन कारणों से आपको मारा था, उस समय हमारी स्थिति इजराइल जैसी हो जाती, क्योंकि उस समय भी आसमानी किताब के सेनापति तालिबान और पेपे किसी दुसरेे रूप में यहा विराजमान थे और अगर आपका पाला इनसे पड़ जाता तो......। हालाकि सरदार पटेल ने आपकी हत्या के बाद स्थिति को काफी सभांलने की कोशिश की, लेकिन ये भी सच है कि हिटलर जिस हिंसक एजेन्डे का अतिरेक था, उसका दूसरा किनारा आप थे गांधी जी। 1939 में अगर हिटलर की हत्या हो जाती तो जर्मन को वो दिन देखने न पडते, लेकिन उस समय तक जर्मन को हिटलर की सख्त आवश्कता थी। गांधी जी 1947 तक सचमुच में आप एक महात्मा थे, लेकिन आपके प्रयोगों ने हमे प्रयोगशाला के चूहें-मेंढक बना कर रख दिया था। सन 1947 तक हमें आजादी मिलनी थी, अब पेट्रोडाॅलर के प्रभाव वाले इस्लामिक चरमपंथी को भी मेनेज करना था, लेकिन आपका इतना महिमा-मंडन हो चुका था कि आप अपने आपको देश से उपर मानने लगे थे। सब जानते हैं कि किसी एक व्यक्ति के निजी ऐजेन्डे पर सब कुछ कुर्बान करना भी सत्यानाश को निमन्त्रण देना होता है। गांधी जी! जो आप कर चुके थे और फिर जहाँ करोड़ों लोगों का भविष्य दांव पर हो वहां एक नहीं सो गांधियों की हत्या भी शायद जायज होती। आप चाहते तो भगत सिंह को बचा सकते थे, आप चाहते तो इतिहास के पन्नो में भगत सिंह एक उग्रवादी के रूप मे दर्ज ने होते, आप चाहते तो राजगुरू को बचा सकते थे, आप चाहते तो चन्द्रशेखर आजाद को बचा सकते थे, आप चाहते तो इस देश को बचा सकते थे, लेकिन अफसोस...?
उस समय अगर आपकी की हत्या ने की होती तो आज आपको न तो राष्ट्रपिता की उपाधि मिलती और न ही महात्मा की।सचमुच गोडसे ने आपको अजर-अमर कर दिया। आपको शत-शत नमन।


वरिष्ठ पत्रकार खतौली, (मुजफ्फरनगर) उत्तर प्रदेश