लाॅकडाऊन/कर्फ्यू 


मनमोहन शर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

महीने बाद लॉक डाऊन  कर्फ्यू खत्म हो जाएगा

घर से निकलते ही 

एक शिशु की तरह

कदम लड़खड़ाएगा

चंद कदम फिर

संभलते ही चला जाएगा

 

चार कदम चलते ही

चढ़ने लगेगा श्वास

पछताएगा फिर

इतने दिनों

कसरत करता काश!

 

कुत्ता भौंकेगा नहीं

शहर का बंदर डरेगा

काले से तू गोरा होगा

हरेक तुझ पर मरेगा।

 

हर रोज किए गरारे डर से

तु गायक बन जाएगा

मोटा तो फटने की बारी

पतला तो मोटा हो जाएगा

 

धूम्रपान से घृणा होगी

तंबाकु की रगड़ का निशान

हथेली से मिट जाएगा

काले होंठ गुलाबी होंगे

राजकुमार कहलाएगा

 

देख संकट दुनिया का

बनेगा हरिशचन्द्र या कर्ण

या खाया पीया सोकर

बनेगा कुम्भकर्ण

 

भागदौड़ से दूर रहकर

बदल जाएगी तेरी छवि

घर संभालना सीखेगा

या बनेगा लेखक कवि

 

 

चार दिन तो काम में 

फिर कहाँ मन लगेगा

पेट की खातिर ही

काम करने को जगेगा

 

महीने भर परिवार में रह

सीख ले कुछ तो कायदे

नुकसान को नजरअंदाज कर

देख अब सिर्फ फायदे।

 

           कुसुम्पटी शिमला-9

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