केमिस्ट को क्यों न माना जाए कोरोना वारियर्स

मनोज भाटिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

दवा विक्रेताओं ने मांग की है कि जब डॉक्टर, सफाई कर्मी, पत्रकार, हाकर्स, पुलिस कर्मी को कोरोना वारियर्स माना है, तो उन लोगो को भी कोरोना वारियर्स माना जाए, क्योंकि वह लोग भी अपनी जान पर खेलकर सारा दिन दवाओं का वितरण करते है।  उनका वास्ता भी सभी किस्म के मरीज़ों से पड़ता है और लगातार उन्हें खतरा भी बना रहता है। इतना ही नहीं कई बार तो अपनी दुकानें खोलने को कई बार लाठियों व चालानों का सामना करना पड़ता है, फिर भी उन्हें समाज और प्रशाशन की सहानभूति नही मिल रही है। मुज़फ्फरनगर के दवा विक्रेता यूनियन के ज़िलाध्यक्ष रविंदर चौधरी व खतौली नगर के प्रमुख दवा विक्रेता सुधीर शर्मा व प्रदीप शर्मा ने माननीय मुख्यमंत्री से दवा विक्रेताओं को कोरोना वारियर घोषित करने की मांग की है।


इस संबंध में प्रदीप ABC ने कहा कि इसे दवा व्यवसाई का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि तन-मन-धन से समाज के प्रति अपनी पूर्ण निष्ठा प्रदर्शित करने के बाद भी उसे इस को रोना के विरुद्ध संग्राम में अपेक्षित सम्मान नहीं मिला है। उन्होंने कहा है कि साधुवाद के योग्य है वह समाज जिन्होंने दवा व्यापारियों का सम्मान कर इस कमी को दूर करने का प्रयास किया है।

बता दें कि कल ही औषधि प्रशासन विभाग ने दोघट थाना क्षेत्र  में एक मेडिकल स्टोर को सील किया है तथा शामली में दवा विक्रेता द्वारा सैनिटाइजर का क्रय विक्रय के बिल प्रस्तुत न करने पर विक्रेता के विरुद्ध डीएम से शिकायत की गई है। जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया था।


वरिष्ठ पत्रकार खतौली, (मुजफ्फरनगर) उत्तर प्रदेश

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