शि.वा.ब्यूरो, रायबरेली। एसडीएम पल्लवी मिश्रा ने आज वो कर दिखाया, जिससे उन लोगों के मुंह पर ताले लग गये, जो यह मानते हैं कि नारी अबला है, वह कुछ कर नहीं सकती। आज फिर एक बेटी ने साबित कर दिया कि नारी किसी भी काम को कर सकती है, वह पुरूषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलने से भी दो कदम आगे निकल गयी है।
हुआ यूं कि लाॅकडाउन के दौरान कालाबाजारी की हकीकत जानने के लिए एसडीएम साहिबा पैरों में पुरानी हवाई चप्पल, हाथ में छोटा सा घिसा पिटा पर्स। सिलवटों वाला पुराना सूट और चेहरे पर चुन्नी से घूंघट करके बाजार में निकल पड़ी। एसडीएम मोहनलालगंज का यह बदला रूप कोई नहीं पहचान पाया। नतीजतन कई दुकानदारों ने जरूरी वस्तुओं की कीमत एमआरपी से ज्यादा बताई। इसके बाद 20 दुकानदारों को जब नोटिस मिला तो सबके पैरों तले जमीन खिसक गई।
गरीब और मजबूर लोगों से कोई आटा, दाल, चावल, तेल आदि की रोजमर्रा की वस्तुओं की ज्यादा कीमत न वसूले इसके लिए एसडीएम पल्लवी मिश्रा ने भेष बदला था। एसडीएम ने मीडिया को बताया कि उन्होंने आलमारी से एक पुराना सूट निकाला जो प्रेस भी नहीं था। एक महिला कर्मचारी से उसका पुराना छोटा पर्स लिया। फिर हवाई चप्पल पहन कर निकल गईं। अपनी गाड़ी उन्होंने काफी पहले छोड़ दी। फिर खुली हुई राशन की दुकान पर घूंघट में अन्य खरीदारों के बीच शामिल हो गईं। एसडीएम ने बताया कि कई दुकानदार एमआरपी से पांच या 10 रुपए ज्यादा पर वस्तुएं बेच रहे थे, क्योंकि ग्रामीण इलाकों में दुकानें कम होती हैं, इसलिए इन सभी को चेतावनी दी गई है। इसके बाद दोबारा ऐसे ही किसी और तहसील के अधिकारी से जांच कराई जाएगी। जो नहीं सुधरेगा उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।