मनोरमा पटेल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
कारोना से मचे कोहराम के बीच सेनेटाइजर की मांग एकदम से बढ़ गयी है और डुप्लीकेट घटिया सेनेटाइजर मार्केट में आ गए है, जिन्हें लोग महँगे दाम पर खरीद रहे है। जानकारों की मानें तो सैनीटाइजर के विकल्प के रूप में फ़िटकरी का उपयोग कर सकते है। हमारा पारंपरिक सॅनिटायजर है फ़िटकरी। (हायड्रेटेड पोटॅशियम अॅल्युमिनियम सल्फेट// K2SO4 Al2(SO4)3.24H2O)। फिटकरी में एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टी होती है, जब आप फिटकरी के पानी से अपने हाथों को धोते हो या स्नान मे उपयोग करते हो तब कोई भी विषाणु आपके शरीर पर जिंदा नहीं रह सकता। गरम पानी में फिटकरी डालकर कुल्ले करने से गले और मुहं के विषाणु नष्ट होते हैं, इसलिए हमेशा फिटकरी का टुकड़ा अपने साथ रखें और स्वस्थ रहे।
आज पूरी दुनिया यह मान चुकी हैं कि भारत ही विश्वगुरु था, हैं और रहेगा। तारीख़ गवाह हैं जब जब दुनिया में महामारी फैली है तो दुनिया को अपना सनातन परंपरा की ही याद आई हैं। बहुत से मूर्ख कहते हैं कि इन सब से क्या होगा, हवन से क्या होगा, फिटकरी से कैसे विषाणु मरेगे। जानकार बताते हैं कि हमारा धर्म विश्व का इकलौता ऐसा धर्म है, जो विज्ञान पर ही आधारित हैं। आज दुनिया नमस्कार करने लगी, आज दुनिया मरने के बाद शव को जलाने लगे, आज चाइना, अमेरिका, इटली में इस महामारी से लड़ने के लिए हमारी ही परम्परागत तरीके को अपना रहे हैं। नासा के वैज्ञानिक मैथ्यू थॉमस ने यह प्रमाणित कर दिया कि हवन करने से विशेले कीटाणु नष्ट होते हैं।
आपको यह भी बता दें कि भारतीय केसरिया वाहिनी विभिन्न जिलों में शुद्धिकरण हेतु हवन कार्यक्रम करवाने जा रही हैं। आज 18 मार्च वाराणसी में बटुक भैरव के प्रांगण में आचार्य किशोर जी महाराज के अध्यक्षता में हवन होने जा रहा है 20 मार्च को। मथुरा में देवमुरारी बापू के अध्यक्षता में हवन करवा रही हैं। लखनऊ में 21 मार्च को इंदिरा नगर वाहिनी के छेत्रीय कार्यालय पर वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरविंद झा के प्रबंधन में वह लखनऊ वाहिनी इकाई द्वारा हवन सम्पन होने जा रहा है। आज वह विदेशी ने कहा कि हवन करना चाहिए तो सब कह रहे है कि ठीक है, वरना ऐसे आयोजनों को गम्भीरता से न लेने वालों की भी कमी नही है। अपनी सनातन परंपरा का पालन करो। आत्मा भी खुश, अंतरात्मा भी खुश।
लेखक शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र की सम्पादक है
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