अशोक शर्मा देवेश शर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
बीत गई होली
देकर अपने निशां
रंगे चेहरे, रंगी दीवारें
रंगे फर्श कर रहे हैं बयां
रंगी बाल्टियां
और रंगीन गलियां
लेकर वादा
मैं आऊंगी अगले बरस
तब तलक
ये उत्साह, ये उमंग
ये प्यार और ये दोस्ताना
ये प्रीत के रंग
दिलों में अपने कायम रखना
खतौली, (मुजफ्फरनगर) उत्तर प्रदेश
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