(कुंवर आर.पी.सिंह), शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
हमारे समाज के एक होनहार युवानेता हार्दिक पटेल को जिस तरह राष्ट्रद्रोह के कानून में आरोपित किया हुआ है, गुजरात सरकार का यह बेहद दुःखद और नाइन्साफी भरा कदम है। हालांकि मुकदमा अब न्यायालय में विचाराधीन है। देश में समय समय पर अपनी अपनी माँगों और विरोध स्वरूप तमाम आन्दोलनों में कई संगठन ,राज.दल, नेता ,छात्र व्यापारी,किसान और सामाजिक कार्यकर्ता ऐसे आन्दोलन रत रहते हैं। औवैशी और ऐसे तमाम बद् जुबान लोग उलूल जलूल, भडकाऊ बयान भी देते हैं और आंदोलन भी करते हैं, कभी सरकारें ऐसी सख्त कानूनी कार्यवाही नहीं करती।
फिर हार्दिक पटेल ने कोई अलग देश की मांग तो नहीं की थी, उसने अपने समाज के युवाओं लिए नौकरी में आरक्षण, और किसानों की समस्याओं की ही बात उठाई थी। और जैसा होता है हर आंदोलंन में कुछ शरारती तत्व और असामाजिक तत्व गैर कानूनी कार्य भी करते हैं, लेकिन इतनी बड़ी और कठोर कार्यवाई समझ से परे है। हालांकि उस वक्त तो हार्दिक किसी राज.दल में भी नहीं थे, तो फिर आज तमाम दलों के नेता प्रतिपक्ष और छात्र संघ देश में अनिप शनाप भौंक रहें हैं। क्या उससे देश की फिज़ा और प्रतिष्ठा खराब नहीं हो रही है। उन पर राष्ट्र द्रोह की कार्यवाही क्यों नहीं करते ? इसलिये हम जय शिवा पटेल संघ के माध्यम से गुजरात सरकार से यह माँग करते है कि हार्दिक पटेल के ऊपर से देशद्रोह की कार्यवाई तुरन्त वापस ले।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जय शिवा पटेल संघ
Tags
social