जनपद का बहादरपुर ग्राम पहले आदर्श खेल ग्राम के लिये चयनित, श्रीराम ग्रुप ऑफ काॅलेजेज करेगा योजना का संचालन

 



शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। स्पोर्टस - ए वे ऑफ लाइफ’ संस्था के सहयोग से आईएमटी गाजियाबाद द्वारा जनपद के ग्राम बहादुरपुर व ग्राम खेडी विरान का चयन देश के पहले माॅडल स्पोर्टस विलेज (आदर्श खेल गाँव) के रूप में विकसित करने हेतु किया गया है। इन ग्रामों में संचालित इस खेल योजना का संचालन श्रीराम गु्रप ऑफ काॅलेजेज, मुजफ्फरनगर द्वारा किया जायेगा।
16 जनवरी 2020 को इण्डिया हैबिटेट सेन्टर नई दिल्ली के कसुरिना हाॅल में दर्जनों अर्जुन/द्रोणाचार्य पुरस्कारों से सम्मानित विभूतियों की उपस्थिति में इसकी लाॅचिंग का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता  स्पोर्टस: ए वे ऑफ लाइफ संस्था के संरक्षक तथा श्रीराम ग्रुप ऑफ काॅलेजेज के संस्थापक चेयरमेंन डाॅ0 सुभाष चन्द्र कुलश्रेष्ठ द्वारा की गई।
स्पोर्टस: ए वे ऑफ लाइफ संस्था पिछले कई वर्षों से पूरे देश में खेल साक्षरता बढ़ाने सम्बन्धी अभियान में सक्रिय है। इस क्रम में स्पोर्टस: ए वे ऑफ लाइफ संस्था के सहयोग से आईएमटी द्वारा देश का पहला माॅडल स्पोर्टस विलेज (आदर्श खेल गाँव) बनाने की दिशा में पहल की गई है और जनपद मुजफ्फरनगर के ग्राम बहादरपुर व ग्राम खेडीविरान को आदर्श खेल ग्राम बनाने के लिए चुना गया है। खेल संस्कृति को आगे बढ़ाने एवं इन ग्रामों को राष्ट्रीय पटल पर खेलने वाले गाँव के रूप में स्थापित करने के लिये आईएमटी गाजियाबाद की इस समग्र खेल योजना के संचालन का दायित्व जनपद के प्रतिष्ठित संस्थान श्रीराम ग्रुप ऑफ काॅलेजेज को सौंपा गया है।
इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम आईएमटी गाजियाबाद में स्थापित स्पोट्र्स रिसर्च सेन्टर के हेड डाॅ0 कनिश्क पाण्डेय ने इस योजना के उद्देष्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मुजफ्फरनगर शहर से करीब 09 किलोमीटर दूर गाँव बहादरपुर को देश के पहले आदर्श स्पोर्टस गाँव के रूप में विकसित करने के लिए चुना गया है। आदर्श स्पोर्टस विलेज में कार्य करायें जायेंगेः-
अभिभावकों को, बच्चों को खेलने के लिए प्रेरित करने हेतु एक अपील जारी की जायेगी। सभी घरों के बच्चों को खेल प्रवेषिका तथा खेल कलेण्डर पहुंचाये जायेंगे, ताकि हर घर में खेल का प्रवेश हो सके। हर घर के बरामदे तथा आँगन को प्राथमिक खेल प्रागंण के रूप में विकसित करने की दिशा में आईएमटी आगे बढे़गी। घर में ओलम्पिक सम्बन्धी स्पोर्ट्स उपकरण उपलब्ध करायें जायेंगे। चौपालों पर खेलों की चर्चा एक अनिवार्य एजेण्ड़ा होगा। खेल पत्रिकाऐं, अखबारों तथा टीवी की उपलब्धता करायी जायेगी। इस टीवी पर केवल स्पोर्ट्स चैनल दिखायें जायेंगे, जिसमें ओलम्पिक एवं राश्ट्रीय स्तर के खेल दिखायें जायेंगे, साथ ही स्पोर्ट्स पर बनी फिल्म समय-समय पर प्रदर्शित की जायेगी। ग्रामीण खेलों को बढ़ाने के लिए प्रतिमाह इस गाँव की खेल की गतिविधियों को संकलित कर एक ग्रामीण खेल पत्रिका प्रकाशित की जायेगी। इस गाँव में खेल के लिए गाँव के सेहन, आंगन, बरामदा एवं घेर को आउटडोर खेलों की नर्सरी के रूप में विकसित किया जायेगा। खेल का एक निर्धारित समय 04ः00 बजे से 05ः00 बजे तक होगा और इस समय गाँव के सभी घरों का टीवी, मोबाईल एवं किताबें बन्द रखी जायेंगी। उस समय जो यहाँ है, वह वहाँ पर ही खेलेगा। समय-समय पर अर्जुन एवार्डी उनसे मुलाकात कर खेलों के विभिन्न बारीकियों के बारे में व्याख्यान देंगे तथा उन्हें खेल में भागीदारी के लिए प्रेरित करेंगे। इसके साथ ही खेल के दौरान होने वाले इन्जुरी को ठीक करने के लिए गाँव में डाक्टर की व्यवस्था होगी। बड़े खेल मैदान के लिए सरकारी अधिकारियों से लगातार सम्पर्क बनाकर, मैदान विकसित किये जायेंगे। विभिन्न खेल स्पर्धाओं का गाँव के भीतर आयोजन तथा समय-समय पर दूसरे गाँव के साथ स्पर्धाओं का आयोजन कर प्रतिभावान खिलाड़ियों को चुना जायेगा और चुने  गये खिलाड़ियों को विषेश ट्रेनिंग दी जायेगी, ताकि वह राज्य और राश्ट्रीय स्तर पर मेडल प्राप्त कर सकें।



उन्होंने कहा कि ओलम्पिक में 120 वर्षों के बाद भी हम अच्छा नहीं कर पा रहे हैं। हम हमेशा यह कहते हैं कि देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है। क्या इन्फ्रास्ट्रक्चर मात्र से ही हम आगे बढ़ जायेंगे। हमारी खेल साक्षरता 5 प्रतिशत से भी कम है। इस दिशा में खेलो इण्डिया एक अच्छी पहल है। हमारे यहाँ स्कूली छात्रों की कुल संख्या लगभग 25 करोड़ है जिनमें से 6500 छात्र खेलने के लिये आये। इन 6500 में से 1558 का चयन हुआ और 625 अन्तिम रूप से खेलने पहुँचे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार की तरह ही खेलों का अधिकार एक मूलभूत अधिकार होना चाहिये और हमें ओलम्पिक से सम्बन्धित खेलों की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। 
इस अवसर पर आईएमटी गाजियाबाद के डायरेक्टर आशीष के0 भट्टाचार्य ने खेल बनाम पढ़ाई पर चर्चा करते हुये कहा कि दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। उपाध्यक्ष, उ0प्र0 ओलम्पिक एसोसिएशन पीएन अरोड़ा ने आईएमटी, गाजियाबाद और डाॅ0 कनिष्क पाण्डेय को इस सराहनीय कार्य हेतु बधाई देते हुये कहा कि पिछले कई वर्शों से खेल साक्षरता में अभियान चला रखा है। यह एक मील का पत्थर साबित होगा।
 एथलेटिक्स में खेल रत्न से सम्मानित देवेन्द्र झाझड़िया ने कहा कि आईएमटी गाजियाबाद देश का पहला माॅडल स्पोर्टस विलेज बनाने की दिशा में आगे बढ़ा है। यह एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने खेलों में घटती प्रतिभागिता पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि खेलों का मुख्य उद्देश्य मेडल, नहीं बल्कि शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य होना चाहिये।
 इस अवसर पर कुश्ती में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित सुभाष वर्मा, मुक्केबाजी में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता महावीर सिंह, कुश्ती में ही अर्जुन अवार्ड विजेता अलका तोमर आदि ने अपने अनुभव साझा करते हुये खेलों की आवश्यकता एवं महत्व पर प्रकाश डाला। अलका तोमर ने कहा कि गाँव में बहुत प्रतिभा है और अधिकांश अच्छे खिलाडी गाँव से ही आते हैं अतः यह पहल बहुत ही कारगर साबित होगी।
स्पोर्टस: ए वे ऑफ लाइफ संस्था के संरक्षक एवं श्रीराम ग्रुप ऑफ काॅलेजेज के चेयरमेंन डाॅ0 सुभाष चन्द्र कुलश्रेष्ठ ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुये अपने समापन भाषण में सभी उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमें आईएमटी गाजियाबाद की इस पहल का स्वागत करना चाहिये। यह हमारा सौभाग्य है कि जनपद मुजफ्फरनगर के ग्राम बहादरपुर का चयन देश के पहले आदर्श खेल ग्राम के रूप में विकसित करने के लिये किया गया है। उन्होंने खेल मैदान के लिये भूमि उपलब्ध कराने के लिये जिला प्रशासन का एवं इस कार्य में रूचि दिखाने के लिये ग्राम प्रधान राधेश्याम जी एवं अन्य ग्रामवासियों का आभार व्यक्त किया।
 उन्होंने कहा कि श्रीराम ग्रुप ऑफ काॅलेजेज को इस योजना के संचालन का जो दायित्व सौंपा गया है उसका निर्वहन यह संस्थान पूरी जिम्मेदारी के साथ करेगा। उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा शारीरिक शिक्षा विभाग के एसोसियेट प्रोफेसर डाॅ0 अब्दुल अजीज खान को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
  अन्त में मीडिया को प्रजातन्त्र के चौथे स्तम्भ के नाम से सम्बोधित करते हुये डाॅ0 कुलश्रेष्ठ ने कहा कि आपकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। हम सभी जानते है प्रत्येक अखबार में अन्तिम परन्तु एक पेज खेलों के लिये अवश्य होता है। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप आईएमटी की इस पहल को आगे बढ़ायेंगे, क्योंकि आईएमटी देश में शायद पहला प्रबन्धन संस्थान है जिसने खेल शोध संस्थान की शुरूआत कर ग्राम बहादरपुर को एक आदर्श खेल ग्राम के रूप में विकसित करने की सराहनीय पहल की है। आपने जो समय दिया उसके लिये में आयोजक मण्डल की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूँ।
  इस अवसर पर खेल जगत की द्रोणाचार्य एवं अर्जुन अवार्ड से सम्मानित प्रतिभायें देवेन्द्र झाझड़िया, अशोक कुमार ध्यानचन्द, सुभाष वर्मा, विवेक सिंह, शैकिन्द्र तोमर, संजीव कुमार, अलका तोमर,  राजीव तोमर, जफर इकबाल, मोहिन्द्र पाल सिंह, महावीर सिंह, सत्यपाल सिंह, सतपाल यादव, अजय कुमार सिरोही, सतेन्द्र कुमार, अकरम शाह एवं अजेय उपाध्याय आदि उपस्थित रहें।


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