शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। अहिंसा, सत्य एवं सहयोग आदि विचारधाराओं से ओत-प्रोत भारतभूमि अनेक महापुरूषों की जननी है। इन्हीं विचार धाराओं के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा पं0 लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म-दिवस आज द एसडी पब्लिक विद्यालय में बहुत सम्मानपूर्वक मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय की प्रप्रधानाचार्य नीलम माहना जी ने झण्डा फहराकर किया। उन्होंने गांधी जी व शास्त्री जी के चित्र पर सम्मान स्वरूप माल्यार्पण किया। इसके पश्चात् बच्चों ने गांधी जी के प्रति अपने सुन्दर विचार प्रस्तुत किये। जहाँ एक ओर बच्चों द्वारा प्रस्तुत नृत्य कार्यक्रम, 'वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीर पराई जाने रे..' सभी के मन में पवित्र तरंगों को उत्पन्न कर रहा था वहीं दूसरी ओर ' दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल..' गीत अहिंसा की शक्ति को निर्बाध रूप से प्रस्तुत कर रहा था। इस अवसर पर विद्यालय द्वारा आयोजित श्लोक-गान, लघु-नाटिका एवं शुभकामना-कार्ड बनाना आदि प्रतियोगिताओं में बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था।
आज का प्रमुख आकर्षण कक्षा 9 के छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित कार्यशाला थी। राष्ट्रीय स्तर पर आई.आई.टी. मुम्बई द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा के अधिकाधिक प्रयोग को बढ़ावा देना था।
इस कार्यशाला के अन्तर्गत विद्यार्थियों ने छोटे-2 विविध पुर्जों को जोड़कर आकर्षक सौर ऊर्जा लैम्प का निर्माण किया। बच्चों के मुख पर प्रसन्नता तथा आत्मविश्वास ऐसे छलक रहा था मानो वे स्वयं में भविष्य के इन्जीनियर तथा शोधकर्ता वैज्ञानिक देख रहे हों।
कार्यक्रम के अन्त में प्रधानाचार्य नीलम माहना जी ने प्रतिभागी बच्चों के उत्साह की बहुत प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस कार्यशाला का हिस्सा बनना उनके लिए गर्व की बात है। जिस प्रकार एक माता अपने बच्चे के विकास को देखकर प्रफुल्लित होती है उसी प्रकार द एसडी पब्लिक विद्यालय की उन्नति के रूप में छात्र-छात्राओं का विकास उनके मन को प्रसन्न कर रहा है। प्रधानाचार्य नीलम माहना जी ने कहा कि उन्नति की कोई चरम सीमा नहीं होती। वे आशा करती हैं कि सभी विद्यार्थी भारतीय विचारधाराओं का पालन करते हुए भविष्य में इसी प्रकार तन्मयता व उमंग से आगे बढ़ेगें। कार्यक्रम सुव्यवस्थित होने के साथ-साथ प्रगति के एक और चरण-चिन्ह को पूर्ण करने में सफल रहा।