छत्रप्रभाकरः (15) ................3-कूर्मी संज्ञित क्षत्रियों का वर्णन

गतांक से आगे.....


1-कूर्मी लोग क्षत्रिय हैं, इस बात के विरूद्ध कोई कथन या लेख किसी आर्ष या प्राचीन ग्रन्थ में नहीं पाया जाता है।
2-पुंलिग कूर्मी शब्द इन्द्र, भूपति, वीर्यवान पुरूष आदि का वाचक और क्षत्रिय का पर्याय है।
3-इन्द्र भूपति आदि अर्थों में कूर्मी शब्द उत्कृष्ट क्षत्रिय की समुचित संज्ञा है।
4-जिन कुलों में कूर्मी उत्पन्न हैं अथवा जो कुल उनमें अद्यावधि वर्तमान हैं, वे क्षत्रकुल हैं।
5-कूर्मी समुदाय में पूर्वभूत भूपतियों के अतिरिक्त अभी तक अनेक भूपति (राजा-महाराजा आदि) विद्यमान थे।
6-कूर्मी लोगों का व्यवसाय (प्रोफेशन) आर्य मुख्यतः क्षत्र अनुष्ठित है।
1.वैदिक तथा लौकिक जितने प्रमाणिक ग्रन्थ उपलब्ध हैं, उनमें किसी में भी न तो क्षत्रिय से भिन्न पुरूष की संज्ञा में पुंलिग कूर्मी शब्द प्रयुक्त हुआ है और न यह लेख पाया जाता है कि कूर्मी लोग क्षत्रिय से भिन्न अन्य कोई वर्ण हैं। 



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