(प्रभाकर सिंह), शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
जिनके अंदर इस क़दर नफरत थी कि मुसलमान के सफाये के लिये भाजपा को लाना जरूरी है। भाजपा सब ठीक कर देगी! वो लोग अवसाद में है। आप भोले लोग है। भाजपा सिर्फ और सिर्फ चुनाव जीतने के लिये ही कश्मीर, हिन्दू-मुस्लिम, NRC, धारा 370 के मुद्दे लाती रही है। जिससे धार्मिक विभाजन हो, और सारे हिन्दू एक गुलाम की भांति भाजपा को वोट करे, लेकिन इसी समय इंस्पेक्टर सुबोध कुमार, चंदन गुप्ता जैसे हिंदुओ की हत्या भी होती है। बंगाल में भाजपा पर अपने ही कार्यकर्ता को मरवाने का आरोप लगा है। बंगाल में एक शिक्षक दंपति की हत्या को भाजपा ने हिन्दू-मुसलमान करना चाहा, लेकिन हो नही सका।
पिछले 6 साल में सिर्फ भाजपा मजबूत हुयी है, राष्ट्र कमजोर हुआ है। क्या लगता है आपको नोटबन्दी, GST और बैंकों-कंपनियों के दिवालिया होने पर क्या मुसलमान ही प्रभावित हुए है। हिन्दू बेरोजगार नही हुए है, होंगे भी कैसे चुकी भगवान है। भगवान आएंगे छू मंतर करेंगे आपकी गरीबी खत्म हो जाएगी जैसे सुदामा की गई थी क्यों, चुप रहोगे तो कुछ नही होगा कलम को उठाना पड़ेगा, अब नही तो फिर कब......!
आबादी में हिन्दू ज्यादा है तो ढहती अर्थव्यवस्था से सबसे ज्यादा नुकसान हिंदुओ को ही होगा न, मुसलमान तो नौकरियों में वैसे भी कम है। गलत है तो सरकार के आंकड़े देख लीजिए कि मुसलमान कितना प्रतिशत शिक्षित है और नौकरी में है।
आप से सवाल हैं क्या दंगे होने के बाद एक हिन्दू की आमदनी में बढ़ोत्तरी होती है क्या? बिल्कुल नही। क्या भाजपा हिंदुओ का भला कर रही है, बिल्कुल नही। हिन्दुओ का भला तो तब होता जब इनकी आर्थिक स्थिति और मजबूत हो जाती, रिजल्ट तो उल्टा हो गया, सब बर्बाद हो रहे है। भाजपा हिन्दू राष्ट्र की बात करती है तो उसमें दलितों और पिछड़ों की क्या हैसियत है, ये तो पता ही है न, कि मोदी सरकार की पूरी कैबिनेट में OBC कोटे से 1 या 2 मंत्री है। भाजपा वोट लेते समय सबको हिन्दू बना देती है लेकिन सरकार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछडो के साथ अछूत जैसे ही व्यवहार करती है। क्या देश को ऐसी ही हिन्दू सरकार की मांग रखता है? आपने ऐसे ही हिन्दू राष्ट्र के लिए वोट दिया था..............!
सरकार अपने कुछ चहेते पूंजीपतियों को फायदा देने के लिए देश की अर्थव्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी। कुछ आर्थिक विशेषज्ञ कह रहे है कि दिवाली के बाद सरकार ही आर्थिक संकट की घोषणा कर देगी। तो असली मामला आर्थिक संकट है, लेकिन जनता सरकार से सवाल न पूछे, नौकरी न मांगे, पब्लिक सेक्टर के बेचने पर सवाल न करे। PMC बैंक के कंगाल होने पर चार खाताधारियों को समय पर पैसा नही मिलने पर मौत हो गयी। ये स्वाभाविक मौते नही है, ये व्यवस्था-जनित हत्याये है। जिसके लिए सरकार जिम्मेदार है, न कि कोई व्यक्ति विशेष चुकी सरकार के व्यवस्था के कारण यह सब मौत हो रही है।
भाजपा आज देश की सबसे ज्यादा पैसों वाली पार्टी बन गयी है। उसका 1500 एकड़ में फैला हेडक्वार्टर है। एक 56" प्रधानमंत्री भी बन गया है, लेकिन देश कमजोर हो गया है। लोगो की आर्थिक हैसियत कमजोर हुयी है। आपसी विश्वास कम हुआ है। देश हित की बाते कम हुई है। भाजपा के खेल 'हिन्दू-मुसलमान' में सिर्फ हिंदुओ का ही घाटा है, देश का घाटा है। भाजपा का कुछ नही जाता है।
कमलेश तिवारी की हत्या एवं कबीर तिवारी की ही हत्या का मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्री ब्रजेश पाठक एवं डीजीपी ने संज्ञान लिया है। कमलेश तिवारी की हत्या पर बस में तोड़फोड़ के बाद भी, समर्थकों के विरूद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज शायद नहीं कराया गया है। दिनेश शर्मा से लेकर रक्षा मंत्री राज नाथ तक ने इन हत्याओं पर संज्ञान लिया है। प्रयागराज के कोरांव थानान्तर्गत रमेश सिंह उर्फ़ पिन्टू पटेल की हत्या की रिपोर्ट न दर्ज होने पर, शान्तिपूर्ण धरना करने वाले सैकड़ों लोगों के विरूद्ध गंभीर धाराओ में रिपोर्ट एवं उत्पीड़न, लाकअप में पीट पीट कर किसान बृज लाल मौर्या की पिटाई से मौत, योगी बाबा चुप, फेक इन्काउंटर में पुष्पेन्द्र यादव की दबंग एवं भ्रष्टाचार में संलिप्त थाना प्रभारी मोठ धर्मेन्द्र सिंह चौहान द्वारा हत्या, योगी बाबा चिन्तित नहीं।
यह उत्तर प्रदेश की योगी बाबा की सरकार है जो "सबके साथ न्याय "की स्क्रिप्ट लिख रही है? शायद इसीलिए सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी में जंगलराज कहा है और भी बहुत कुछ सर्वोच्च न्यायालय को महसूस हुआ हो सकता है। ऐसे न जाने कितने दिल मे सवाल है लेकिन समाज के लोगो के द्वारा सो जाने के कारण कुछ नही हो पा रहा है चुकी हम आप एक हो नही सकते है। आज आप लोग सोने से पहले इस लेख पर विचार जरूर करे व सहयोग दे समाज को जगाने में चुकी अब नही तो फिर कभी नही।
रिसर्च स्कॉलर इलाहाबाद विश्वविद्यालय