कथित भगवान बन गये यमराज, धन के साथ ले ली जान भी

 

शि.वा.ब्यूरो, खतौली। निकटवर्ती गांव भैंसी निवासी जितेन्द्र चौधरी के बेटे उज्जवल की जान आज के भगवान कहे जाने वाले डाक्टरों की लापरवाही ने ही ले ली। उज्जवल के परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जान और माल लूटने का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। 

मृतक उज्जवल चौधरी के फूफा राजीव कुमार ने बताया कि उज्जवल को हर्निया की समस्या थी और इसका ऑपरेशन कराने के लिए वे गाजियाबाद स्थित कौशांबी के यशोदा अस्पताल गये थे, जहां 26 मई को उनका रोबोटिक सर्जरी से ऑपरेशन कर दिया था, इस दौरान चिकित्सकों ने लापरवाही का  नमूना पेश करते हुए उज्जवल चौधरी की आंत काट दी। इसके दो दिन बाद उज्जवल को असहनीय पेट दर्द होने लगा और उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके बाद उसको आईसीयू में भर्ती कर दिया गया और 29 मई को फिर से उसके पेट की सर्जरी की गयी तो पता चला कि उसकी आंत कटने से संक्रमण के चलते उसकी हालत खराब हो गयी है, लेकिन अस्ताल प्रशासन इस बात को पूरी छुपा लिया, इतना ही ऑपरेशन करने वाले डाॅक्टर पीके सिन्हा की लापरवाही उस समय हद पार कर गयी, जब वह अपने रोगी की परवाह किये बिना ही देश से बाहर बाली मनोरंजन के टूर पर निकल गये। इसके बाद फिर से गोरखधंधा शुरू हो गया और इलाज के नाम पर पैसा लूटने सिलसिला तेज हो गया, लेकिन 1 जून को रात्रि में ही उज्जवल की मौत हो गयी। 

उज्जवल के परिजनों ने इस मौत को मर्डर करार देते हुए यशोदा अस्पताल और दोषी चिकित्सक के खिलाफ तहरीर देते हुए कड़ी कार्यवाही की मांग की है। गमगीन माहौल में हालांकि उज्जवल का का अन्तिम संस्कार उनके पैतृक गांव भैंसी में कर दिया गया है, लेकिन अब सभी को फाॅरेंसिक लेब में जांच को भेजे गये उज्जवल के सैम्पल की रिपोर्ट का इंतजार है। उसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जायेगी। 

बता दें कि हाॅर्निया के ऑपरेशन को बेहद मामूली माना जाता है और इसकी सर्जरी मात्र कुछ हजार रूपयों में ही सफलता से हो जाती है, लेकिन कथित रूप से बड़े हाॅस्पिटल में इसके लिए लाखों रूपये लूटे जाते हैं और चिकित्सक व शानदार बिल्डिंग वाले कथित रूप से बड़े ये अस्पताल कितने काबिल और संवेदनशील हैं, इसका नमूना इस प्रकरण से एक बार फिर सामने आया है। सूत्रों की मानें तो इस तरह के प्रकरण इन अस्पतालों में कोई खास बात नहीं है, इस तरह के मामले आये दिन सामने आते रहते हैं। उज्जवल के परिजनों ने अपील की है कि यशोदा अस्पताल जैसे संस्थानों में अपना इलाज कराने से पहले सौ बार जरूर सोंचें।

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