संस्कार, रोजगार एवं स्वरोजगार की भाषा है संस्कृत

शि.वा.ब्यूरो, शिमला। राजकीय संस्कृत महाविद्यालय तुंगेश में 6 मई से प्राक् शास्त्री प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है जिसमें कि स्थानीय छात्रों के साथ-साथ समीपवर्ती जिलों से भी विद्यार्थियों में प्रवेश प्राप्त करने को लेकर खासा उत्साह नज़र आ रहा है । वर्ष 1972 में अपनी स्थापना से लेकर आज तक इस महाविद्यालय ने अनेक सुयोग्य अध्यापकों एवं संस्कारी नागरिकों को तैयार किया है। महाविद्यालय का दिव्य, सुरमई एवं शांत वातावरण छात्रों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां का सुयोग्य स्टाफ छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव तत्पर रहता है। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2024 में संस्कृत महाविद्यालयो की सामूहिक रैंकिंग में तुंगेश महाविद्यालय ने समूचे प्रदेश में तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस शैक्षणिक सत्र में भी जिन छात्रों ने प्राक शास्त्री प्रथम वर्ष में महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त कर लिया है उनमें से अधिकांश अपने अपने विद्यालय में मेरिट होल्डर हैं। इनमें से ऐसी ही एक छात्रा आरती धीमान है जिस ने वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चियोग में प्रथम स्थान प्राप्त किया है और इस छात्रा ने संस्कृत महाविद्यालय तुंगेश में प्राक शास्त्री प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया है । उक्त छात्रा का लक्ष्य संस्कृत विषय में प्रोफेसर बनने का है । महाविद्यालय प्राचार्य डॉ रमेश शर्मा ने अभिभावकों से अनुरोध किया है कि इस महाविद्यालय में अधिक से अधिक छात्रों को इस महाविद्यालय में प्रवेश दिलाए एवं उन्हें एक मेधावी छात्र एवं कर्त्तव्य निष्ट नागरिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएं ।

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