मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। नवगठित नॉर्थ ईस्ट अहले सुन्नत वल जमात की बैठक में उत्तर पूर्वी अहले सुन्नत वल जमात ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक उत्पीड़न की घटना की निंदा की. हर देश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करना बहुसंख्यकों की जिम्मेदारी और कर्तव्य है, इसलिए अहले सुन्नत ने बांग्लादेश में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए वहां की सरकार से सख्त होने की मांग की।
बाईपास स्थित अरहान भवन में जमात की कार्यकारी समिति की आपात बैठक में विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा की गई। अहले सुन्नत के पदाधिकारियों और सदस्यों ने जमात की कार्यप्रणाली पर लंबी चर्चा की। जमात के अध्यक्ष मौलाना डाॅ. सैयद अब्दुन नूर की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई प्रस्तावों को स्वीकार किया गया। प्रारंभिक सदस्यों का प्रवेश, चाबाही मकतब की शिक्षा पर जोर, समाप्त हो चुकी जिला और राज्य समितियों का शीघ्र पुनर्गठन, जमात सम्मेलन, फ़ेका सेमिनार जैसे कार्य किए गए। केंद्रीय कमेटी की संचालन समिति का गठन करने के साथ पदाधिकारियों की कार्य जिम्मेदारियां भी बांटी गयीं।
बैठक में अध्यक्ष मौलाना सैयद अब्दुन नूर, महासचिव मौलाना सैयद हिफजुर रहमान मिश्कत और प्रचार सचिव मौलाना फयाद अहमद ने पत्रकारों के सामने नीति पेश की। अन्य लोगों में मौलाना सैयद हेदायत हुसैन त्रिपुरा, अल्हाज सिराज उद्दीन बरभुइया, मौलाना कारी नजरूल इस्लाम, मौलाना नजीर हुसैन मजूमदार, मौलाना नजरुल इस्लाम रक्वाडी, अल्हाज राजन मजूमदार, एम मकसूद अहमद बरभुइया, हाफिज अब्दुल हक, मौलाना साहिद अहमद समेत अन्य ने भाषण दिया। बैठक मौलाना बदरूल हक, मौलाना जैनुल हक, अब्दुस्सलाम बरभुइया, मौलाना अब्दुल हलीम, मौलाना आलमगीर, मौलाना शाह आलम, मौलाना जाबिर हुसैन, फरमान अली रेजबी, नुरुल हक तालुकदार और अन्य उपस्थित थे।