होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज में आत्महत्या रोकथाम दिवस के उपलक्ष में कार्यशाला आयोजित

शि.वा. ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। मेरा वजूद फाउण्डेशन के तत्वाधान में ‘‘आत्महत्या रोकथाम दिवस’’ के उपलक्ष पर स्प्रिंग डेल्स पब्लिक इण्टर कॉलेज, मन्सुरपुर, सरसादी लाल इण्टर कॉलेज, मन्सूरपुर तथा होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज, जडौदा के छात्र-छात्राओं को सशक्त और जागरूक करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ कार्यशाला की मुख्य अतिथि व मुख्यवक्ता डॉ0 ममता अग्रवाल (मनोचिकित्सक सलाहकार एवं अस्टिेंट प्रोफेसर ऑॅफ साइकोलॉजी, कनोहर लाल स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय मेरठ), डॉ0 राजीव कुमार, सदस्य बाल कल्याण समिति व सलाहकार मेरा वजूद फाउण्डेशन, संजय आहूजा सफलता प्रशिक्षक, योगेश त्यागी एवं प्रवेन्द्र दहिया चैयरमेन, मेरा वजूद फाण्डेशन द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यशाला की मुख्य वक्ता ममता अग्रवाल ने विद्यार्थियों को बताया कि डब्लू0एच0ओ0 ने सुसाइड परिवेन्शन डे 2003 से आरम्भ किया। इस वर्ष अर्थात 2024 की थीम चेंज द नेरेटिव अबाउट सुसाइड है। इस थीम का अर्थ है नकारात्मक सोच को सकारात्मक विचार में बदलना। डब्लू0एच0ओ0 के आंकडों के अनुसार प्रत्येक वर्ष 25 से 29 वर्ष के लगभग 60 लाख आदमी सुसाइड करते है, जो कि बहुत बडा आंकडा है और 280 मिलियन लोग तनाव में है और हर साल यह आंकडा बढता ही जा रहा है, जो एक भयावह स्थिति है और यदि हमें अपनी युवा शक्ति को बचाना है तो इस समस्या का समाधान करना ही होगा जो प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य है।  

जब हमें या बच्चों को नकारात्मक सोच घेर लेती है और हम हताशा में आत्महत्या करने की सोचने लगते है अगर उस वक्त उस हताश व्यक्ति को सही सकारात्मक मार्गदर्शन मिल जाये तो एक जिन्दगी को बचाया जा सकता है जो प्रत्येक सभ्य नागरिक का कर्तव्य है, हमें अपने चारों ओर एक सकारात्मक सोच-विचारों का सकारात्मक वातावरण तैयार करना होगा और अपने आसपास के सगे-सम्बन्धियों व बच्चों का भी ध्यान रखना होगा, कही वे तनाव में तो नहीं है, अगर ऐसी स्थिति है तो उनके साथ दोस्ताना व्यवहार करना चाहिए व उन्हें अकेला नहीं छोडना चाहिए। उनसे प्रेम से बात करते हुए उनके साथ सकारात्मक व उत्साहवर्धक बातें करनी चाहिए जैसे जीवन एक बार मिलता है बार-बार नहीं, जीवन अमूल्य है छोटी-छोटी समस्याओं से घिरकर इसको खत्म करना बहुत बडा अपराध है, जीवन में हर समस्या का समाधान है, ऐसी-ऐसी सकारात्मक बातें हम तनावग्रस्त व्यक्ति से कर सकते है। 
योगेश त्यागी ने बताया कि यदि जीवन में हमें एक अच्छा दोस्त मिल जाये तो हमारी हर समस्या छोटी हो जाती है इसलिए हम एक अच्छा दोस्त बनाये और एक अच्छा दोस्त बने, हम किताबों को भी अपना मित्र बना सकते है जो आपको कभी धोखा नहीं देगी। संजय आहूजा ने विद्यार्थियों को बताया कि आपको जीवन में दो बातें याद रखनी है एक ईश्वर जिनको बडी ऊँचाईयों पर पहुँचाना चाहता है उन्हें उतनी बडी चुनौतियां तनाव व संघर्ष देता है। अतः जब भी आपके सामने बडी समस्याएं आये तो विचार करें कि परत्मात्मा हमसे कुछ बडा करवाना चाहते है तो आपकी नकारात्मक सोच तुरन्त सकारात्मक सोच में बदल जायेगी। दूसरी बात आप अपने अंहकार को मार दो तो आपको खुद को मारने की जरूरत नहीं पडेगी। अहंकार मुक्त जीवन जीने का आनन्द ले और जीवन को हंसकर व खुलकर जिये। 
कार्यक्रम के अन्त में मेरा वजूद फाउण्डेशन के चैयरमेन प्रवेन्द्र दहिया ने बताया कि हमेशा एक से दिन कभी नहीं रहते परिवर्तन प्रकृति का नियम है, अगर आज हमारे साथ कुछ गलत हो रहा है एक दिन अच्छा भी होगा। सारा खेल हमारे विचारों का है हम समस्या पर ध्यान लगायेगें तो समस्याएं बढेगी और यदि समाधान पर फोकस करेगें तो हर समस्या का समाधान मिलता चला जायेगा। अतः हमेशा हर विकट से विकट परिस्थिति में अपनी सोच को सकारात्मक रखना चाहिए, जब भी आप तनाव में हो तो एक प्रयोग कर सकते है तनाव की स्थिति में आप अपने चेहरे व अपनी सांसो पर ध्यान केन्द्रित कर, सांसो की गति को धीमा, गहरा व लम्बा कर दो, तो आचार्यजनक रूप से कुछ ही पल में आपका सारा तनाव गायब हो जायेगा और आप अपने आप को तरोतजा महसूस करेगें।  कार्यक्रम में विद्यालय स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

Post a Comment

Previous Post Next Post