संजीव बालियान, इमरान मसूद, चंद्रशेखर, इकरा हसन और राघव लखनपाल का भाग्य ईवीएम में कैद सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर में शांतिपूर्ण मतदान, वोटरो पर दिखा जातीय असर, बदला चुनाव चरित्र

गौरव सिंघल सहारनपुर। सहारनपुर लोकसभा सीट पर 66.74 फीसद वोट पडे। जबकि 2019 में 70 फीसद, 2014 में 74.82 फीसद, 2009 में 63.24 फीसद वोट पडे थे। 2014 में भाजपा के राघव लखन पाल चार लाख 72 हजार वोट पाकर सांसद चुने गए थे और इमरान मसूद को चार लाख सात हजार वोट पडे थे।2019 में मतदान प्रतिशत गिरा और भाजपा के राघव लखनपाल शर्मा करीब 23 हजार वोटो से बसपा के हाजी फजर्लुरहमान से हार गए थे। राघव लखनपाल को चार लाख 91 हजार फजर्लुरहमान को पांच लाख 14 हजार वोट मिले थे।18 वीं लोकसभा के पहली चरण के आज वेस्ट यूपी की आठ में से चार सीटों सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर सीटों पर मतदान शांतिपूर्ण और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस बार का चुनाव 2014 और 2019 से इस मायने में भिन्न रहा कि अबकी मतदाताओं पर जातीय असर ज्यादा हावी रहा। जिसने चुनाव का चरित्र ही बदल दिया। मोदी युग का पहला चुनाव हिंदुत्व, दूसरा राष्ट्रवाद और तीसरा जातिवाद का रहा। इससे नतीजे भी पिछले चुनाव की तुलना में भिन्न रह सकते है। 
सहारनपुर जिले की सहारनपुर लोकसभा सीट और कैराना आंशिक पर शाम छह बजे तक 66.74 फीसद मतदान हुआ। कमिश्नर डा. हृषिकेश भास्कर यशोद, डीआईजी अजय साहनी ने देर शाम बताया कि सहारनपुर मंडल की तीनों सीटों सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और कैराना में कही से भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।  उन्होंने माना की आज हुआ मतदान इस मायने में अभूतपूर्व रहा कि इतने बडे और संवदेनशील क्षेत्र के बावजूद कही भी छिटपुट घटना भी नहीं हुई। कुछ स्थानों पर मतदान शुरू होने के बाद कुछ ईवीएम मशीनों में खराबी पाई गई जिन्हें तत्काल बदल दिया गया। कही से भी फर्जी मतदान या बूथ कब्जाने की घटनाएं भी सामने नहीं आई।

जिलाधिकारी सहारनपुर डा. दिनेश चंद्र सिंह ने दोनो लोकसभा क्षेत्रों की सातों विधान सभा सीटों के तहत 1303 मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया। एसएसपी डा. विपिन ताडा भी उनके साथ थे। डीएम डा. सिंह ने मतदाताओं के उत्साह और शांतिपूर्वक मतदान करने पर उन्हें बधाई दी। सभी राजनीतिक दलों द्वारा मिले सहयोग का आभार जताया। सहारनपुर भाजपा उम्मीदवार राघव लखन पाल शर्मा, इंडिया गठबंधन के कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद, बसपा के माजिद अली, कैराना सीट से इकरा हसन और वीआईपी सीट मुजफ्फरनगर से केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान और बिजनौर से रालोद युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन चैहान और नगीना सुरक्षित सीट से प्रमुख दलित नेता चंद्रशेखर का भाग्य इलैक्ट्रानिक वोटिंग मशीन ईवीएम में बंद हो गया है। इन चारो सीटों में से कैराना और मुजफ्फरनगर सीट पर मौजूदा सांसद चुनाव मैदान में थे।
सहारनपुर सीट पर मुकाबला इंडिया गठबंधन के कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद और भाजपा उम्मीदवार राघव लखन पाल में ही सिमट गया। बसपा के हाथी की सुस्त चाल ने सबको चौका दिया। दोनो प्रमुख दलों के नेताओं ने मुकाबला कांटे का बताया। इमरान मसूद ने अपनी जीत का दावा किया। भाजपा जिलाध्यक्ष डा. महेंद्र सैनी ने देर से प्रतिक्रिया देने को कहा। शिक्षा वाहिनी के वरिष्ठ संवाददाता गौरव  सिंघल ने मुस्लिम बहुल देवबंद क्षेत्र के मतदान केंद्र के निरीक्षणों के दौरान बूथों पर शाम छह बजे तक लंबी लाइने लगी देखी। औरों के मुकाबले आज गर्मी कम थी। लेकिन मतदाताओं में ज्यादा गर्मजोशी थी। जिले में राजपूत मतदाताओं में भाजपा को लेकर जो नाराजगी का माहौल था उस पर भाजपा के चुनाव प्रबंधकों का कहना था कि काफी हद तक राजपूतों ने भाजपा के पक्ष में मतदान करते दिखे। कैराना लोकसभा सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद प्रदीप चैधरी का इंडिया गठबंधन की सपा उम्मीदवार और कैराना के बडे सियासी घराने की 27 वर्षीय बिटिया इकरा हसन के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला।
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