समान नागरिक संहिता का शुभारंभ उतराखंड में भाजपा का एक राजनीतिक प्रयोग
मदन सुमित्रा सिंघल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
अंतोगत्वा लोकसभा चुनाव की दहलीज पर भारतीय जनता पार्टी की उतराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता कानून बनाने के लिए प्रस्तावित मसौदा विधानसभा में पेश कर दिया गया। यह भारतीय जनता पार्टी का एक प्रयोग है यदि यह किसी तरह उतराखंड में पास होकर बिल बन गया तो भाजपा का राजनीतिक प्रयोग सफल हो जायेगा लेकिन उतराखंड पहला राज्य बन जायेगा जो भाजपा के प्रमुख तीन एजेण्डा प्रथम जम्मू कश्मीर में धारा 370 एवं 35 ए हटाना जिसमें भाजपा का नारा था कि एक देश में एक ही प्रधान यानि प्रधानमंत्री एक ही संविधान यानि भारत देश एवं जम्मू कश्मीर के अलग अलग संविधान रहे हैं। तीसरा एक निशान जिसमें सपष्ट है कि भारत देश का तिरंगा लेकिन जम्मू कश्मीर में अलग था वो अचानक ही हटा दिया। दूसरा राम जन्मभूमि पर राम मन्दिर का निर्माण वो भी 22 जनवरी 2024 में पूरा कर दिया। तीसरा एजेण्डा समान नागरिक संहिता (युनिफोर्म सिविल कोड) इस पर पहल शुरू कर दी गई है जो देर सबेर लागू हो जायेगा।
यहाँ उल्लेख करना आवश्यक है कि गोवा में पहले से यह कानून बना हुआ है। इसी तरह विश्व में अनेक देशों में समान नागरिक संहिता कानून बना हुआ है, जिसमें काफी देश इस्लामिक देश है। भाजपा सुन्य के समय ही इतने बङे बङे तीन एजेण्डा बनाकर बहुत ही धैर्य परिश्रम एवं कछुआ गति से 1980 से 16 साल बाद देश में सत्ता में आयी जरूर लेकिन कांग्रेस एवं अन्य दलों ने कभी सांप्रदायिक कभी शहरी तो कभी पूंजीपतियों की पार्टी बताकर अछूत बनाने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन भाजपा के मुट्ठी भर नेताओं ने अनथक भागीरथी प्रयास से आज विश्व की सर्वाधिक लोकप्रिय पार्टी बनाने के साथ साथ भारत देश में प्रचंड बहुमत के साथ लगातार दो बार आयी। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अति विश्वास के साथ 15 अगस्त 2023 को लालकिले की प्राचिर के अलावा लोकसभा एवं राज्य सभा में सपष्ट विश्वास प्रकट करते हुए कहा कि तीसरी बार पुनः हम सरकार बनाएंगे, जो स्वाभाविक ही है कि संपूर्ण भारत में भाजपा के प्रति लोगों का रूझान है तो वही विपक्षी दलों का गठबंधन रोज टूट रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद परिणाम आने के बाद यदि भाजपा की एनडीए सरकार बनती है तो निश्चित रूप से सारे भारत में समान नागरिक संहिता कानून बन जायेगा। 
पत्रकार एवं साहित्यकार शिलचर, असम
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