केशव कल्चर स्थापना दिवस पर साहित्यिक समागम आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, नई दिल्ली। केशव कल्चर के द्वारा अपने स्थापना दिवस एवं मकर संक्रांति के पावन अवसर पर माई मली वाली मंदिर, वृद्धाश्रम में साहित्यकारों का समागम आयोजित हुआ। केशव कल्चर की संस्थापक दीप्ति शुक्ला ने बताया कि संस्था दो वर्षों से कृष्ण भक्ति से सराबोर हो संगीत एवं साहित्य के क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियां कर रही है। उन्होंने बताया कि केशव कल्चर ने विगत् दो वर्षो में सभी के मन मे  धीरे-धीरे अपनी जड़े फैला ली है।  फाग महोत्सव के दौरान हुए 26 दिवसीय कार्यक्रम रंगी मैं श्याम रंग का मीठा फल पुस्तक के रूप मे सभी को प्रसाद स्वरुप दिय गया।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वात्सल्य संस्था की संस्थापक कविता मल्होत्रा एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में रघुनाथ विद्या फॉउंडेशन से पल्लवी खांडवेकर एवं केवल डांस अकादमी से नृत्य साधक केवल सबरवाल ने अपनी गरिमायी उपस्थिति दी। गीतकार नरेश केवल, रंगमंच कर्मी शायर डा.  साक्षात भसीन, सहित्यकार, रंगमंच कर्मी, चंचल हरेंद्र वरिष्ठ और नीरू सचदेवा ने अपनें गीतों व भजनों से सुन्दर समा सजाया। कवियों में पारुल राज, क्षितिज नागपाल, शिखा बत्रा, सोनू कुमार एवं प्रणव ने सुन्दर काव्य पाठ दी। 

केशव कल्चर की संस्थापक दीप्ति शुक्ला द्वारा सभी को रंगी मैं श्याम रंग पुस्तक एवं स्मृति चिन्ह वितरित किये गये। संस्था की ओर से वृ(ाश्रम को कुछ धनराशि, राशन, कपड़े एवं मिठाइयाँ भी भेंटस्वरूप दी गयी। वृदाश्रम की संचालक मधुबाली ने सभी को प्रीतिभोज कराया।  

कार्यक्रम का निदेशन संगीतकार सुरेश खान्डवेकर एवं महानिदेशक प्रतिभा शर्मा और संरक्षक सरिता गर्ग ‘‘सरि’’ एवं विनीता लवानियां के संरक्षण में हुआ। संस्था रघुनाथ फाउंडेशन, अभिनव रत्न, क्षितिज नागपाल, नीरू सचदेवा एवं शिखा बत्रा का सहयोग राशि हेतु आभार प्रकट करती है।सूर्यकान्त दस वर्ष (जून 2013 से जून 2023) उप्र स्टेट टास्क फोर्स के चेयरमेन रहे और इस दौरान उन्होंने उप्र में मेडिकल कालेजों के राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की गतिविधियां सक्रिय रूप से सम्पन्न हुईं। इसके फलस्वरूप उप्र में अब सभी 67 मेडिकल काॅलेज (36 गर्वेंमेन्ट सेक्टर के और 31 प्राइवेट सेक्टर) में नेशनल टीबी एलिमिनेशन प्रोग्राम की गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही हैं।

डाॅ. सूर्यकान्त को ’’डाॅक्टर आॅफ साइंस (डी.एस.सी.)’’ की (मानद उपाधि) से भी सम्मानित किया जा चुका है। डाॅ. सूर्यकान्त केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग में लगभग 18 वर्ष से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं एवं 12 वर्ष से विभागाध्यक्ष के पद पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 21 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं लंग कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 800 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। दो अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है। 

लगभग 200 एमडीध्पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक परियोजनाओं का निर्देशन, 17 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उनके नाम ही जाता है, तथा इससे पहले भी अमेरिकन काॅलेज आॅफ चेस्ट फिजिशियन, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कालेज आॅफ चेस्ट फिजिशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 22 फैलोशिप सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है तथा ब्रोन्कियल अस्थमा के क्षेत्र में बेस्ट इनोवेशन (एल.एस. लोवेशके पुरस्कार 2006) भी शामिल है। उन्हें उप्र सरकार द्वारा विज्ञान गौरव अवार्ड (विज्ञान के क्षेत्र में उप्र का सर्वोच्च पुरस्कार) और केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा एवं उप्र हिन्दी संस्थान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 196 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

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