राजभाषा हिंदी संयुक्त सुरक्षा समिति ने की हिंदी शिक्षकों के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती की मांग

मदन सिंघल, शिलचर। राजभाषा हिंदी संयुक्त सुरक्षा समिति शिलचर का एक प्रतिनिधिमंडल कछार की जिलाधिकारी रोहन कुमार झा से मिला और उन्हें मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रदान किया। 21 संगठनों के समन्वित मंच ने मुख्यमंत्री से विद्यालयों में हिंदी शिक्षक के रिक्त पदों को तत्काल भर्ती करने की मांग की। प्रतिनिधि मंडल का कहना है कि असम में पिछले 3 साल से हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति बंद है आखिर क्यों? भारत सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप राजभाषा हिंदी शिक्षा को बढ़ावा देना चाहती है इसके विपरीत असम की राष्ट्रवादी सरकार हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर रही है। 

प्रतिनिधि मंडल में मुख्य संयोजक ज्योतिषचार्य पंडित आनंद शास्त्री, हिंदीभाषी समन्वय मंच के अध्यक्ष डा. बैकुंठ ग्वाला, महासचिव दिलीप कुमार, बराक चाय श्रमिक यूनियन के सचिव बाबुल नारायण कानू, बराक हिंदी साहित्य समिति के महासचिव दुर्गेश कुर्मी, भोजपुरी परिषद के अध्यक्ष युगल किशोर त्रिपाठी, हिंदीभाषी युवा मंच के अध्यक्ष राजन कुंवर, रितेश नुनिया, बराक चाय जनजागृति मंच की ओर से अनंत लाल कुर्मी, हिंदीभाषी महिला मंच की ओर से श्रीमती फूलमती कलवार, वरिष्ठ समाज सेवी राम नारायण नुनिया, प्रदीप कुर्मी, हाथीखीरा करीमगंज से गौतम कोईरी, मासिमपुर से चंद्रशेखर ग्वाला, बाबुल भर, चंद्रवाण ग्वाला तथा मनोज कुमार जायसवाल आदि शामिल थे।
समिति ने असम सरकार से मांग की हैं कि तत्काल प्रभाव से 2021-2022 के बजट में घोषित 646 उच्च प्राथमिक हिन्दी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में हिन्दी शिक्षकों के रिक्त पद को पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार हिंदी बहुल क्षेत्र में विशेष कर चाय बागान के हिंदी भाषी क्षेत्रों में हिंदी माध्यम के विद्यालय प्रारंभ किए जाएं।उन्होंने कहा कि हिंदी माध्यम से प्रारंभ किए गए प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय जिनके माध्यम परिवर्तित हो चुके हैं उन्हें उनके पूर्व अवस्था अर्थात  पुनः हिंदी माध्यम में सभी सुविधाओं के साथ प्रारंभ किया जाए।
उन्होंने कहा कि असम के युवा वर्ग के रोजगार के हित में प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक सभी विद्यालयों में राजभाषा हिंदी की शिक्षा के लिए हिंदी विषय अनिवार्य किया जाए तथा हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। उन्होंने कहा कि चाय बागान क्षेत्र में 5 किलोमीटर रेडियस में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले जाए। उन्होंने कहा कि हिंदी शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देने के लिए निरीक्षक नियुक्त किए जाएं तथा हिंदी पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
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