सर्पदंश सुरक्षा सप्ताह 31 जुलाई तक

शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। वर्तमान में मानसून के कारण गत दिनों से अत्यधिक वर्षा होने के दृष्टिगत जल जनित बीमारियों के साथ-साथ सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि हुई है। सर्पदंश की घटनाओं को जन जागरूकता एवं व्यापक चिकित्सा प्रबंधन द्वारा कम से कम करने के लिए जनपद में 31 जुलाई 2023 तक सर्पदंश सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा। 

जिला मजिस्ट्रेट एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण डॉ0 दिनेश चन्द्र ने संबंधित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्पदंश सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करायें जिसमें सर्पदशं से बचाव के उपाय, सर्पदंश की स्थिति में क्या करें, क्या न करें तथा विभिन्न माध्यमो से भी प्रचार-प्रसार कराएं।  साथ ही साथ सर्पदंश से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी अपने अधीनस्थ प्रत्येक चिकित्सा केन्द्र में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम व अन्य दवाओं को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जारी एडवाइजरी में सर्पदंश के लक्षण व संकेत जैसे तंत्रिका तंत्र जैसे मस्तिष्क पर असर होना, बेहोशी का आना, नींद का आना, पलकों का भारी होना, सांस लेने में तकलीफ होना, डंक लगने के कारण मसूडों से रक्त का आना, रसेल वाइपर के काटने से पेट में दर्द, गहरे भूरे रंग का पेशाब आना, रक्त का थक्का जमना, सूजना आना आदि।

उन्होंने बताया कि सांप के रंग और आकार को देखने और याद रखने की कोशि करें, पीडित व्यक्ति का सर ऊंचा करके लिटाएं या बैठाएं, घाव को तुरंत साबुन व गर्म पानी से साफ करें, काटे हुए अंग को पट्टी या सूती कपडे से बांध दें, दंश को साफ व सूखे कपडे से ढक दें, जिस जगह पर सर्पदंश है वहां से सभी प्रकार के आभूषण जैसे घडी, अंगूठी, आभूषण, जूते व तंग कपडे हटा दें ताकि प्रभावित हिस्से में रक्त की आपूर्ति न रूके, पीडित व्यक्ति को तुरंत नजदीकी अस्पताल लेकर जाएं, ऊंची जमीन पर जाने के लिए पानी में तैरते समय सांपो से सावधान रहें, सांप को अपने आस-पास देखने पर धीरे-धीरे उससे पीछे हटें, मलबे या अन्य वस्तुओं के नीचे सांप हो सकते है, सतर्क रहें।
उन्होंने बताया कि डंक की जगह पर किसी धारदार वस्तु से काटकर या दबाकर जहर को निकालने का प्रयास न करें, डोरी या रस्सी कसकर न बांधें,गर्म पट्टी का उपयोग न करें, सांप को पकडने या मारने की कोशिश ना करें।
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