महात्मा गांधी  चालीसा (गांधी जयंती 2 अक्टूबर पर विशेष)

डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

सत्य धरम अरु राष्ट्रहित, गाँधी का अवतार।

भौतिक सुख साधन तजे, राखे उच्च विचार ।।

जय जय प्यारे बापू गाँधी ।

सत्य अहिंसा की तुम आँधी।।1

भारत माता के तुम पूता।

बने जगत के शांति दूता।।2

जन्मे मोहन दो अक्टोबर ।

सन अट्ठारह सौ उनहत्तर।।3

पितु करमचन्द पुतली माता।

तुम  जन्मे पोरा  गुजराता।।4

 हरिश्चंद्र जब नाटक देखा।

जाना जीवन सांचा लेखा।।5

भक्त श्रवण की कथा सुहाई।

मात पिता की सेवा भाई।।6

संस्कार बचपन से पाया।

साफ छवि का चरित्र बनाया।7

शाला में जब नाम लिखाया।

सीधा बालक गुरु को भाया।।8

एक निरीक्षक शाला आये।

 शिक्षक देख तुरत घबराये।9

केपिटल लिखना नही आया।

नकल त्याग ईमान दिखाया।।10

कॉलेज की जब  शिक्षा पाई।

विधि की सीख विलायत जाई।11

लंदन में जब करी पढ़ाई।

तीन बात मां ने समझाईं।।12

परनारी से दूरी रखना।

मदिरा मांस कभी न चखना।13

सादा जीवन  उच्च विचारी।

भोजन  सीमित  शाका हारी।।14

महवीरा गाँधी अरु बुद्धा।

बिनु आयुध लड़े सब युद्धा।।15

मद्य निषेध तुम्ही सिखलाया।

संतों जैसा जीवन पाया।।16

तन पे धोती ऐनक आंखां।

हाथन चरखा  मीठी भाषा।।17

भारत की मुद्रा में आये।

फोटो सब आफिस लगाये।।18

साबरमती आश्रम बनाया।

स्वाभिमान अभियान चलाया।19

रामराज्य का सपना देखा।

आय व्यय का करते लेखा।।20

हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई।

आपस में  हैं भाई भाई ।।21

सत्य न्याय प्रतीक दिखलाये।

दलितों को भी गले लगाये ।।22

शौचालय की करी सफाई ।

कस्तूरी बा  पाठ  पढाई।।23

वैष्णव जन सा भजन गवाते।

नित उठ गीता पाठ पढ़ाते।।24

संतों जैसा जीवन पाया।

हिन्दी भाषा को अपनाया।।25

रघुपति राघव राजारामा।

राम रहीमा एक समाना।।26

उपवासों को शस्त्र बनाया।

माल विदेशी खूब जलाया।।27

टालस्टाय थे सखा तुम्हारे।

हिन्द स्वराज के लेखनहारे।।28

सत्य के साथ प्रयोग भाये।

आतम कथा सकल जग गाये।29

सपनों का भी भारत देखा।

दक्षिण अफरीका भी लेखा।।30

सत्याग्रह असहयोग चलाये।

शक्ति देख शत्रु घबराये।।31

सत्य अहिंसा पथ अपनाया।

काले कानून को हटवाया।।32

भारत वासिन को ललकारा।

करो मरो का तेजस नारा।।33

भारत छोड़ो गोरे भागो।

हिन्द देश के बेटे जागो।।34

सत्याग्रह को भी अपनाया।

भारत को आजाद कराया।।35

राजनीति में शुद्धी लाये।

भारतवासी के मन भाये।।36

चरखा मेहनत साफ सफाई ।

दुनिया को तुमने सिखलाई।।37

अंत समय हे राम उचारा।

राजघाट जाने संसारा ।।38

गांधी जी का दर्शन प्यारा।

ग्राम विकासहि मूल अधारा।।39

राष्ट्रपिता की पदवी पाई।

कवि मसान ने कविता गाई।।40

गान्धी जन्म दिवस पे,स्वच्छता अभियान।

मद्यनिषेध भी करें,कहत हैं कवि मसान।।

 

23, गवलीपुरा आगर, (मालवा) मध्यप्रदेश