राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की वेब संगोष्ठी में हुई कार्ययोजनाओं पर चर्चा


निक्की शर्मा "रश्मि", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

देश की प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा राष्ट्रीय वेब गोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के प्रमुख अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के हिंदी विभाग के अध्यक्ष एवं कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा थे। विशिष्ट अतिथि श्री हरेराम वाजपेयी, इंदौर एवं संस्था के महासचिव डॉ प्रभु चौधरी ने विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता डॉ जी डी अग्रवाल ने की। 

मुख्य अतिथि लेखक एवं आलोचक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि राष्ट्र के नव निर्माण में संस्कृतिकर्मी, साहित्यकार और शिक्षक महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। इस देश को ऐक्य बन्धन में बांधने के लिए वाल्मीकि, व्यास, कालिदास जैसे अनेक रचनाकारों और चिंतनशील व्यक्तित्वों ने अपनी अविस्मरणीय भूमिका निभाई है। उन्होंने इस देश को ही नहीं, सम्पूर्ण विश्व को एकता, सद्भाव और शांति का सन्देश दिया है जो अधिक प्रासंगिक हो गया है। व्यापक लोक चेतना से जुड़कर भारतीय संस्कृति के उदात्त तत्त्वों की पहचान और प्रसार के लिए संस्कृतिकर्मियों और बुद्धिजीवियों को आगे आना होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ जी डी अग्रवाल ने कहा कि नए दौर में लोक कल्याण के लिए सांस्कृतिक और शैक्षिक समुदाय को जिम्मेदारी लेनी होगी। कोविड-19 के दौर में  लोगों में नई ऊर्जा और उत्साह पैदा करने के लिए हम सबका सामाजिक दायित्व बढ़ गया है। संस्था के महासचिव डॉ प्रभु चौधरी ने विगत तीन माहों के कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने संस्था के आय व्यय का ब्यौरा एवं आगामी कार्ययोजनाओं की जानकारी दी। डॉ चौधरी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पुनर्गठन की घोषणा की। 

इससे पूर्व गोष्ठी के प्रारंभ में प्रस्तावना संस्था के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री अनिल ओझा  ने प्रस्तुत की। सरस्वती वंदना डॉ संगीता पाल, कच्छ ने की। स्वागत भाषण राव कुलदीप सिंह, भोपाल ने दिया। संचालन डॉ शिवा लोहारिया, जयपुर ने किया एवं आभार मुख्य राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुवर्णा जाधव, मुंबई ने व्यक्त किया। संगोष्ठी में डॉ शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख पुणे, डॉ. लता जोशी मुंबई, डॉ. वीके मिश्रा इंदौर, डॉ. भरत शेणकर, डॉ शम्भू पंवार झुंझुनूं, डॉक्टर दीपिका सुतोदिया गुवाहाटी, निक्की शर्मा मुंबई, डॉ. आशीष नायक रायपुर, डॉ शैल चंद्रा धमतरी, डॉ रश्मि चौबे गाजियाबाद, रोहिणी डाबरे अहमदनगर, हेमलता साहू रायपुर, सुंदर लाल जोशी नागदा, मुक्ता कौशिक रायपुर आदि सहित देश के विभिन्न भागों के साहित्यकार, संस्कृतिकर्मी एवं प्रतिभागी उपस्थित थे।

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