अवैध दवा की दुकानों पर डीआई मेहरबान, शह पर चल रहे कई अवैध मेडिकल स्टोर

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। जनपद में अवैध व बिना मानक के चल रहे दवा की दुकानों पर कोई लगाम नहीं है न ही इनके मानकों का निरीक्षण होता है, न ही इनपर कोई अन्य कार्यवाई ही सही तरीके की हो रही है। जनपद के कई अवैध मेडिकल स्टोर  औषधि विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के शह पर चलाए जा रहे हैं।

गैर मानक दबा की दुकानों की अगर बात की जाए तो जनपद में बडे पैमाने पर चलने वाले भी कई ऐसे मेडिकल स्टोर हैं, जिनका मानक व पंजीकरण स्पष्ट नहीं हैं। बातचीत में फार्मेसी एण्ड फार्मसिस्ट सोसायटी संस्था के एक पदाधिकारी ने बताया कि जनपद सैकडो अवैध मेडिकल स्टोर संचालित हो रहें हैं, जिन्हें  औषधि निरीक्षक ने संज्ञान में लेकर भी कार्यवाही नहीं किया है। आरोप है कि विभागीय अधिकारी पक्षपात करते हुए कुछ सही मेडिकल स्टोर पर कार्यवाही करते हैं, जबकि अवगत कराने के बाद भी अवैध रूप से चल रहे कई स्टोर की जाँच तक नहीं करते।

जानकारों की माने तो औषधि निरीक्षक अधिकांश रूप से जनपद में मौजूद ही नहीं रहते। पीड़ितों को डीआई से मिलने के लिए कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। आरोप है कि जनपद पूरी तरह से दवाओं के ब्लैक मार्केटिंग का अड्डा बनता जा रहा है, कई ड्रग माफिया अपना कब्जा बनाते जा रहे हैं और मजे की बात ये है कि यह सब खेल जिला औषधि कार्यालय के नाक के नीचे हो रहा है, जिसमें कार्यालय अधिकारियों की मिल भगत जग जाहिर रही है। 

विगत दिनों जनपद मुख्यालय से प्रकाशित समाचार पत्र में ड्रग माफियों के सम्बन्ध में समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिससे कुपित होकर कुछ लोगों ने समाचार पत्र की प्रतियों को छीन कर फाड डाला था और समाचार पत्र के वितरक व मालिक के साथ अभद्रता भी की थी। उक्त मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है। इस पूरे प्रकरण में स्थानीय पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध रही है।

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