शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त कलेन्डर के अनुसार जनपद न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजीव शर्मा के निर्देशन में कोविड-19 के सम्बन्ध में उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से सहायक श्रमायुक्त के कार्यालय में श्रमिकों के अधिकार से सम्बन्धित विषय पर विधिक साक्षरता एवं विधिक सहायता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सलोनी रस्तोगी के द्वारा उपस्थित श्रमिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करते हुए उनके सम्बन्ध में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत संघ बनाने के अधिकार एवंम अनुच्छेद 23 के तहत किसी भी व्यक्ति से बेगार या बलात श्रम नही कराया जा सकता। अनुच्छेद 24 के अनुसार 14 साल से कम आयु के बच्चों से बालश्रम नही कराया जायेगा के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया।
यदि किसी श्रमिक को विधिक सहायता की आवश्यकता है तथा वह आर्थिक स्थिति ठीक न होनेे के कारण पैरवी करने मे असमर्थ है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से निशुल्क विधिक सहायता(अधिवक्ता) हेतु आवेदन कर सकता है। सचिव द्वारा सभी श्रमिकों को कोविड 19 द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करने के सम्बन्ध में भी जागरूक करते हुए नालसा योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया।
इस अवसर पर सहायक श्रमायुक्त प्रतिभा तिवारी, अरविन्द्र सिंह, श्रम प्रवर्तन अधिकारी, शाहिद अली, श्रम प्रवर्तन अधिकारी द्वारा भी श्रमिकों के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया गया।
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