राजीव डोगरा 'विमल' शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
ओड़कर सनातन तन को
कहाँ तक जाओगे,
मिट जाए सब भ्रम तो
एक दिन तुमको भी पा जाएंगे।
रहा अगर जात-पात का
यह भ्रम मन में तो
जिंदा ही अपने बुरे कर्मों से
जल जाओगे।
और अपनी बुरी करतूतों को
कभी न मिट्टी में
दफन कर पाओगे।
सोच लो समझ लो
करना क्या है
आखिर तुम को।
असत्य के साथ जीना है या
सत्य के साथ मरना है।
मगर तुमको अब भी
कुछ नहीं पता तो
तुम कालकूट के विषभरे
सर्प के दांतो में
ऐसे फंसे रह जाओगे।
युवा कवि लेखक कांगड़ा
भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा हिमाचल प्रदेश
भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा हिमाचल प्रदेश
Tags
Himachal