शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। न्यू होराइजन पब्लिक स्कूल, मुजफ्फरनगर में किया गया जिसमें इंडिपेंनडेन्ट स्कूल फैडरेशन, एफिलिएटेड स्कूल एण्ड सोसयल वैलफेयर एसोशिएशन, इंडिपेंनडेन्ट स्कूल एसोशिएशन, वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालय, वित्तविहीन विद्यालय संगठन एवं मैन्योरिटी स्कूल एसोशिएशन के पदाधिकारियों ने बैठक में सोसायल डिस्टेनसिंग का पालन करते हुए भाग लिया और जिसमें अभिनव सुशील ने बताया कि स्कूल सरकार के निर्देशानुसार ही खुलेगें, क्योंकि अभी इस कोरोना महामारी से पूरा देश लड रहा है। ऐसी स्थिति में केवल मात्र ऑनलाईन एजुकेशन ही विकल्प है और सरकार भी पूरे जोर-शोर से ऑनलाईन एजुकेशन को सुचारू करने के दिशा-निर्देश दे रही है।
ओ0पी0 चौहान ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा फीस माफी के लिए कोई निर्देश नहीं दिया गया है और स्कूलों की फीस में कोई बढोत्तरी नहीं हुई है। अभिभावक सोसायल मीडिया पर फीस माफी के भ्रामक प्रचार में गुमराह न हो। अभिभावक विद्यालयों में अपनी सुविधानुसार किस्तों में शुल्क जमा कराते रहें। विद्यालय अभिभावकों के साथ हमेशा से खड़ा हुआ है। अभिभावकों को भी विद्यालयों का साथ देते रहना चाहिए।
कुलदीप सिवाच ने बताया कि गतवर्ष सत्र में कोरोना महामारी के कारण अधिकतर विद्यालयों की परीक्षाएं नहीं हो पायी, जब वार्षिक परीक्षा होती हैं तो अभिभावक अपने-अपने बच्चों की फीस व बकाया राशि का भुगतान करते है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। गतवर्ष की भी काफी फीस बकाया रह गयी थी, जिससे स्कूल पहले से ही आर्थिक संकट में फंस गये हैं। अभी तक कोरोना के कारण स्कूल खुलने की निश्चिता नहीं है, जिसके कारण विद्यालयों के सामने ओर समस्या बढती जा रही है।
राधेश्याम सिंघल ने कहा कि निजी स्कूल सरकार का शिक्षा के क्षेत्र का बहुत बडा भार अपने कंधों पर उठाये हुए है, अभिभावकों द्वारा फीस न आने पर निजी विद्यालय बंद होने के कागार पर पहुँच चुके है और विद्यालय भी शिक्षकों का वेतन देने व विद्यालय के खर्चों में बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है। इसी संदर्भ में सरकार इस बंदी के महीनों में निजी विद्यालयों के वाहनों की किस्त की राशि, बिजली के बिल, कार्यरत सभी टीचिंग व नॉनटीचिंग स्टाफ की सैलरी, स्कूल लोन की किस्तों की ईएमआई पर सरकार को अपना ध्यान केन्द्रित करके इन विद्यालयों का सहयोग करना चाहिए। निजी विद्यालयों की संचालकों का यह दुख-दर्द असहनीय जिसे सरकार को समझना होगा। शिक्षा के स्तर को बढाने का काम निजी विद्यालयों ने किया है।
बैठक में चन्द्रपाल सिंह, कुलदीप सिवाच, सुघोस आर्य, प्रवेन्द्र दहिया, अतुल वर्मा, मासूल अली त्यागी, ब्रहमस्वरूप, मिनाक्षी मित्तल, डॉ0 सतवीर सिंह, वचनसिंह वर्मा, दुष्यन्त कुमार, अशोक त्यागी, प्रदीप पुण्डीर, चन्द्रवीर सिंह, विजय भारद्वाज, पुरूषोत्तम सिंघल, संदीप कुमार, अशोक कुमार सिंघल, नमन मित्तल आदि ने अपने विचार रखें।
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