शि.वा.ब्यूरो, प्रयागराज। राजकीय पीजी कॉलेज सैदाबाद-प्रयागराज तथा ग्लोकल इनवायरनमेंट एवं सोशल असोसिएशन(जेसा) नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में पर्यावरण दिवस के अवसर पर दो दिवसीय वैश्विक वेब संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। आयोजन सचिव डॉ0 ए0के0वर्मा ने संगोष्ठी की उपादेयता तथा प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। प्राचार्य प्रोफेसर आशीष जोशी ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया व संगोष्ठी आयोजन की प्रासंगिकता बतायी।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर मार्कण्डेय राय, कुलाधिपति इंदिरा गांधी तकनीकी एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय अरुणांचल प्रदेश ने संगोष्ठी का उद्घाटन किया। प्रोफेसर राय ने बताया कि इस वैश्विक महामारी कोविड-19 में भारत की स्थापित पुरातन परंपरा का समर्थन किया है और समूचा विश्व भारतीय परंपरा की सराहना कर रहा है। बीएचयू वाराणसी के पर्यावरण एवं संयोग्य संस्थान के अध्यक्ष प्रोफेसर जी0एस0सिंह ने प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन को मानव अस्तित्व के लिए खतरा बताया औऱ पर्यावरण सरंक्षण हेतु सभी को सामुहिक प्रयास करने की आवश्यकता बताया। विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक प्रोफेसर राजीव पांडेय ने लॉकडाउन के दौरान सीखी एवं परखी गयी न्यूनतम संसाधन के आगे भी जरे रखने की अपील की। प्रोफेसर पांडेय ने कहा कि प्रकृति के निकट रहना सबसे अच्छा रहता है। अपने अध्यक्षीय भाषण में इदोही विश्वविद्यालय अमेरिका के प्रोफेसर एस0एन0लाभ ने कोविड -19 व लॉकडौन के सकारात्मक व नकारात्मक पक्षों की विस्तार से चर्चा की उन्होंने पारिस्थितिक साम्य स्थापित करने को वैश्विक कल्याण हेतु आवश्यक बताया।
उद्दघाटन सत्र का धन्यवाद ज्ञापन सचिव डॉ0 सुनीता आर्या ने किया। उन्होंने इस सफल संगोष्ठी के लिए सकभी का आभार व्यक्त किया। इस संगोष्ठी में *भारत के 23 राज्यों तथा 5 केंद्र शासित प्रदेशों तथा 8 देशों के लगभग 1000 प्रतिभागियों ने ज़ूम एप्प, यू-ट्यूब तथा अन्य माध्यमों से प्रतिभाग किया।*
आयोजक सचिव डॉ0 एके वर्मा ने बताया कि आज तीन तकनीकी सत्र आयोजित किये गए। प्रमुख वक्ताओं में बांग्लादेश कृषि विश्वविद्यालय ढांका के प्रोफेसर विनय कुमार चक्रवर्ती, कृषि एवं वानिकी विश्वविद्यालय चितवन के प्रोफेसर डी0के0झा, प्रोफेसर ओ0पी0सिंह, डी0जी0पी0जी0कॉलेज कानपुर की प्राचार्या प्रोफेसर साधना सिंह,एस0एस0खन्ना डिग्री कॉलेज प्रयागराज की प्राचार्या प्रोफेसर लालिमा सिंह, विश्व विद्यालय औरंगाबाद ले पूर्व कुलसचिव प्रोफेसर प्रदीप जदबे, केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ की प्रोफेसर शिल्पी, वनस्पति वैज्ञानिक डॉ0कुमुद दुबे, डॉ0शिवकुमार, विश्वविद्यालय इलाहाबाद के प्रोफेसर बेचन शर्मा , विश्वविद्यालय जौनपुर की प्रोफेसर वंदना राय, विश्वविद्यालय आंध्र प्रदेश की डॉ0मुन्नी कुमारी नेअपने व्याख्यान दिए।
तकनीकी सत्रों का संचालन डॉ0अवनीश सिंह, डॉ0प्रज्ञा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर आशीष जोशी ने किया। कल दूसरे डन भी देश- विदेश के दर्जन भर लोग उक्त विषयक संगोष्ठी पर अपने अनुभव व विचार प्रस्तुत करेंगे।