पश्चिमी उत्तर प्रदेश का विकास छोटा राज्य बनने पर ही सम्भव


शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। अलग से प्रदेश बनाए बिना पश्चिमी उत्तर प्रदेश का विकास संभव नही है। अतः जल्द से जल्द प्रथक प्रदेश निर्माण होना चाहिए। गुर्जर छात्रावास, रामपुर तिराहा पर आयोजित होली मिलन समारोह एवं मीडिया से बातचीत के दौरान उत्तर प्रदेश निर्माण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय पंवार ने उक्त उदगार व्यक्त किए।


प्रेसवार्ता के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय पंवार ने कहा कि वे संगठन की और से अलग से प्रदेश के गठन की मांग करते है, क्योंकि प्रथक प्रदेश बनने पर ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश का विकास संभव है। प्रदेश अध्यक्ष डा.सतेन्द्र सिह ने बताया कि संसार का सबसे मंहगा न्याय हमारे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिलता है। संगठन के महासचिव अजय शर्मा ने बताया कि 15 यूनिवर्सिटियों मे से मात्र 3 यूनिवर्सिटी ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे हैं। साथ ही 30 मैडिकल कालेज मे से मात्र 3 मैडिकल काॅलेज ही हम पश्चिमी उत्तर प्रदेश वालो को दिए गए हैं।


प्रेसवार्ता के दौरान संगठन सचिव हाजी वरीश अहमद ने बताया कि हमारे पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे ना तो एनआईटी है, ना आईआईटी और ना ही एम्स है। शिक्षक विजय वर्मा ने बताया कि आज जनसंख्या के मामले मे उत्तर प्रदेश संसार के पांचवे बडे देश के बराबर है। इतने बडे प्रदेश मे कानून एवं प्रशासन व्यवस्था करना लगभग असंभव है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय पंवार ने कहा कि पंजाब से अलग हुए हरियाणा, हिमाचल प्रदेश हो या महाराष्ट्र से अलग हुआ गुजरात राज्य हो आज से विकसित राज्यो मे शुमार है। प्रदेश अध्यक्ष डा.सतेन्द्र सिह ने कहा कि जब एक करोड की जनसंख्या का उत्तराखण्ड और ढाई करोड की जनसंख्या का हरियाणा बन सकता है तो 25 करोड की जनसंख्या को विभाजित करके आठ करोड की जनसंख्या का उत्तम प्रदेश क्यों नही बन सकता। प्रेसवार्ता के दौरान राजवीर सिह मुण्डेट, अजय पंवार, डा.सतेन्द्र सिह, सुरेश राठी, रामपाल सिह, राजेन्द्र सिह, संजीव मासूम आदि मौजूद रहे।


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