शि.वा.ब्यूरो, लखनऊ। आरटीई वेबसाइट से स्कूलों के नाम गायब होने का खेल थमने का नाम नहीं रहा है। और तो और कुछ निजी स्कूल आरटीई के नाम पर अपने यहां गरीबांे का दाखिला देकर छात्रों से बिजली, मेंटिनेंस और डिवेलपमेंट के नाम पर आरटीई नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। एक अभिभावक ने डीएम से मिलकर कालेज पर अतिरिक्त फीस मांगने का आरोप लगाया है। केजी में पढ़ रहे एक बच्चे के अभिभावक ने जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी से शिकायत की है कि उनसे अतिरिक्त फीस मांगी गई। ऐसा न करने पर बच्चे का नाम काटने की बात कही गई, जबकि नियम है कि शिक्षा का अधिकार ;आरटीईद्ध कानून के तहत कोई भी स्कूल न तो बच्चों से पूरे साल की फीस ले सकता है और न ही अतिरिक्त शुल्क।
कई अभिभावकों का आरोप है कि शुरुआत में तो सब ठीक रहा, लेकिन थोड़े दिन बाद स्कूल से सीधे तौर पर फीस न मांगकर बिजली, मेंटिनेस और टर्मिनल के अलावा अतिरिक्त शुल्क बताकर 900 रुपये अतिरिक्त फीस मांगी जा रही है। बाकायदा बच्चों की डायरी पर लिखकर कर भेजा जाता है कि जल्द से जल्द फीस जमाऽकरें।
अभिभावक संघ सम्ब( न्यू असोसिएशन का आरोप है कि एक बार फिर शिक्षा विभाग की मिलीभगत से दर्जनभर से अधिक स्कूलों ने आरटीई के वेबसाइट से अपने नाम हटवा लिए हैं। संघ ने बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी से इसकी लिखित में की शिकायत है।
अभिभावक संघ के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार ने बताया कि आरडी मेमोरियल ही नहीं कई और कॉलेज भी हैं, जिनके गलत तरीके से फीस हासिल करने की शिकायतें आई हैं। डीएम और शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी गई है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि मामला अभी मेरे संज्ञान में नहीं आया है, जैसे ही आएगा मैं खुद ही इसे गंभीरता से लूंगा। आरटीई नियमों का उल्लंघन किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वेबसाइट की माॅनिटरिंग जिम्मेदार कर्मियों से करवाई जा रही है। हां, कुछ स्कूलों के नाम रह गए थे, जिसे तुरंत अपलोड करने के निर्देश पहले ही दे दिए थे, जिसे भी समस्या हो सीधे मुझसे आकर मिले।
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