(राज शर्मा, आनी), शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है। यहां का जनजीवन आज तो बेहद सुविधाजनक हो गया है, परंतु अतीत मे यहां का रहन सहन बहुत ही कठिन था। पढ़ाई-लिखाई के लिए दूर दराज क्षेत्र मे पैदल जाना पड़ता था।
हिमाचल प्रदेश एक सांस्कृतिक प्रिय और विविध भाषी राज्य है। हिमाचल मे सर्वाधिक हिंदी और पहाड़ी भाषा को बोला जाती है । यहां के लोग कृषि को बहुत महत्व देते हैं । सेब,आलू ,लहुसन ,टमाटर, मटर यहाँ के प्रमुख आय के स्त्रोत है । हिमाचल प्राचीन शिल्पहस्तकला के चित्रण के लिये विख्यात है । मन्दिरो मे विशेष रुप से इस शिल्पहस्तकला को काफी सम्मान मिला ,जो लोगो को अपनी ओर सहसा ही आकर्षित करती है । यहां की शोले ,टोपियाँ, हाथो के द्वारा अनेक प्रकार के उत्पाद बनाए जाते हैं । यहां के क्षेत्रीय परम्पराएं व प्राचीन संगीत कला आज भी हिमाचल की संस्कृति को चार चांद लगा देते है । हिमाचल मे मेले , त्यौहारो मे आपसी सामजस्य देखने को मिलता है । यहाँ की प्राचीन परम्पराएं व लोक नृत्य,रहन सहन सब चीजे भिन्न भिन्न है जिस कारण हिमाचल प्रदेश अन्य राज्यो से अलग प्रतीत होता है ।
हिमाचल प्रदेश मे पशु पालन ,भेड़ बकरी , मत्स्य पालन भी बडे पैमाने पर होता है । कहिं कहिं मधूमखी पालन भी होता है । यहां पर धान की पैदावार की जाती है । हिमाचल के पर्वतीय क्षेत्र मे आने जाने के लिये पगडंड़िया ही होती है।