गौरव सिंघल, सहारनपुर। लखनौती स्थित यमुना के किनारे मराठाओं द्वारा मुगलों के आक्रमण का मुकाबला करने के लिए बनाए गए ऐतिहासिक किले से प्रशासन ने अवैध कब्जाधारियों फरजंद अली, मोहम्मद सारिब, मोहम्मद कारिब, शाह हसन और मोहम्मद कुमेल के अवैध कब्जे को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिलाधिकारी मनीष बंसल ने बताया कि इन लोगों को किले को खाली करने के लिए कह दिया गया है। मंगलवार तक किले को अवैध कब्जों से मुक्त करा लिया जाएगा।
प्रकृति कुंज के अध्यक्ष एवं पर्यावरणविद्, सामाजिक कार्यकर्त्ता राजेंद्र कुमार अटल की अगुवाई में अनेक लोगों ने आज जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी मनीष बंसल का अभिनंदन किया। उन्हें इस महत्वपूर्ण कार्य कराने के लिए उनका आभार जताया। इस दौरान राजेंद्र अटल के साथ विनय कुमार सिंघल, आकाश कुमार, राजकुमार, विनय कुमार चौहान और विशाल चौहान आदि थे। जिलाधिकारी ने उनका अभिनंदन करने आए लोगों से कहा कि इसका श्रेय उस क्षेत्र के एसडीएम को जाता है। लखनौती में 1.722 हेक्टेयर भूमि में बने इस प्राचीन किले को राजस्व अभिलेखों में खसरा नंबर 174 आबादी किला के रूप में दर्ज है। जमींदारी उन्मूलन से पहले इस भूमि पर एक अंग्रेज एएनडब्ल्यू पोल का नाम दर्ज था। चकबंदी में इस भूमि को आबादी घोषित कर दिया गया था। पिछले 50-60 वर्षों से कुछ मुस्लिम परिवार अनाधिकृत रूप से रह रहे थे। कुछ लोगों ने इस मामले में एसडीएम के यहां अपील कर किले को कब्जामुक्त कराने की मांग की थी। एसडीएम ने अपने आदेश में किले की भूमि को सरकारी भूमि बताया था।