शि.वा.ब्यूरो, प्रयागराज। हिंदी पत्रकारिता के 200 वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा को रेखांकित करते हुए जगत तारन गर्ल्स डिग्री कॉलेज में 22-23 जून को प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता: प्रवृत्तियाँ, चुनौतियाँ और संभावनाएँ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन अत्यंत गरिमा एवं सफलता के साथ संपन्न हुआ। यह संगोष्ठी न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन एवं अदम्य ग्लोबल फाउंडेशन के सहयोग से संपन्न हुई, जिसमें देश-विदेश की लगभग 30 प्रमुख शैक्षणिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं मीडिया संस्थाओं ने सक्रिय सहभागिता की।
कॉलेज की प्राचार्य प्रो. आशिमा घोष ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आत्मीय स्वागत किया। शासी निकाय अध्यक्ष प्रो. असीम मुखर्जी ने पहलगाम आतंकी घटना एवं ईरान-इजराइल संघर्ष की पत्रकारिता का विश्लेषण करते हुए मीडिया की जिम्मेदारियों और मानवीय मूल्यों के संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित किया। उद्घाटन सत्र में प्रो. धनंजय चोपड़ा, पाठ्यक्रम समन्वयक, मीडिया अध्ययन केंद्र, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, डॉ. रविनंदन सिंह, संपादक सरस्वती पत्रिका आदि ने हिंदी पत्रकारिता से संबंधित अपने सारगर्भित वक्तव्य दिए।
कॉलेज की प्राचार्य प्रो. आशिमा घोष ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आत्मीय स्वागत किया। शासी निकाय अध्यक्ष प्रो. असीम मुखर्जी ने पहलगाम आतंकी घटना एवं ईरान-इजराइल संघर्ष की पत्रकारिता का विश्लेषण करते हुए मीडिया की जिम्मेदारियों और मानवीय मूल्यों के संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित किया। उद्घाटन सत्र में प्रो. धनंजय चोपड़ा, पाठ्यक्रम समन्वयक, मीडिया अध्ययन केंद्र, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, डॉ. रविनंदन सिंह, संपादक सरस्वती पत्रिका आदि ने हिंदी पत्रकारिता से संबंधित अपने सारगर्भित वक्तव्य दिए।
समापन सत्र में विद्वानों ने समकालीन पत्रकारिता पर सारगर्भित विमर्श प्रस्तुत किए। अमेरिका, मॉरीशस, कतर और बेल्जियम से आए अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं ने वैश्विक परिप्रेक्ष्य में हिंदी पत्रकारिता के भविष्य, डिजिटल मीडिया की दिशा, और सामाजिक भूमिका पर गंभीर संवाद किए। मारीशस से हिंदी रेडियो ब्रॉडकास्टर डॉ. शशि दूकन, अमेरिका से सृजन अमेरिका पत्रिका के संपादक अरुण नामदेव, बेल्जियम से सृजन यूरोप के संपादक कपिल कुमार, डॉ. सोमदत्त काशीनाथ (संपादक, सृजन मॉरीशस पत्रिका), तथा डॉ. शैलेश शुक्ला (वैश्विक प्रधान संपादक, सृजन समूह एवं कार्यक्रम के मुख्य आयोजक) ने न्यू मीडिया, मीडिया की विसंगतियाँ, पेड मीडिया, सोशल मीडिया का हस्तक्षेप, और मीडिया के लोकतांत्रिक स्वरूप जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशद चर्चा की। संगोष्ठी में लगभग 60 प्रतिभागियों ने शोधपत्र वाचन प्रस्तुत कर प्रयागराज की पत्रकारिता पर केंद्रित ज्ञानवर्धक विमर्श को समृद्ध किया। संगोष्ठी का सफल संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन आयोजन प्रभारी प्रो. रतन कुमारी वर्मा ने किया। इस अवसर पर प्रो. नीलिमा मिश्र, प्रो. अर्चना पाल, प्रो. मीनाश्री यादव, तथा सुश्री संगीता सहगल सहित कॉलेज की अन्य शिक्षिकाओं ने सहभागिता की।
यह संगोष्ठी ‘न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन’ और ‘अदम्य ग्लोबल फाउंडेशन’ के संयुक्त तत्वावधान में, त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय, डॉ. आंबेडकर चेयर (पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा), बीआईयू कॉलेज ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड जर्नलिज्म (बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी), आशा पारस फॉर पीस एंड हार्मनी फाउंडेशन, एकलव्य विश्वविद्यालय (दमोह), अमरावती ग्रुप ऑफ इन्स्टिच्यूशन (वाराणसी), थाईलैंड हिंदी परिषद, शासकीय रामानुज प्रताप सिंहदेव स्नातकोत्तर महाविद्यालय, और सृजन ऑस्ट्रेलिया, सृजन मॉरीशस, सृजन अमेरिका, सृजन मलेशिया, सृजन कतर, सृजन यूरोप, सृजन थाईलैंड, तथा मधुराक्षर पत्रिका आदि के सहयोग से आयोजित की गई।
कार्यक्रम की विशेष उपलब्धियों में हाइब्रिड मोड में अंतरराष्ट्रीय सहभागिता, प्रयागराज की पत्रकारिता पर गहन विमर्श, शोधार्थियों के लिए समृद्ध शोध मंच और पत्रकारिता के लोकतांत्रिक भविष्य पर मार्गदर्शी सुझाव प्रमुख रहे। इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ने न केवल प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता की ऐतिहासिक भूमिका और वर्तमान स्वरूप को रेखांकित किया, बल्कि इसके वैश्विक आयामों पर केंद्रित चिंतन को भी गति दी। यह आयोजन हिंदी पत्रकारिता की नई सदी के लिए प्रेरणा और दिशा-दर्शक बनकर उभरा है।
कार्यक्रम की विशेष उपलब्धियों में हाइब्रिड मोड में अंतरराष्ट्रीय सहभागिता, प्रयागराज की पत्रकारिता पर गहन विमर्श, शोधार्थियों के लिए समृद्ध शोध मंच और पत्रकारिता के लोकतांत्रिक भविष्य पर मार्गदर्शी सुझाव प्रमुख रहे। इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ने न केवल प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता की ऐतिहासिक भूमिका और वर्तमान स्वरूप को रेखांकित किया, बल्कि इसके वैश्विक आयामों पर केंद्रित चिंतन को भी गति दी। यह आयोजन हिंदी पत्रकारिता की नई सदी के लिए प्रेरणा और दिशा-दर्शक बनकर उभरा है।