श्री राम कॉलेज के ललित कला विभाग में एक दिवसीय गेस्ट लेक्चर आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्री राम कॉलेज के ललित कला विभाग में एक दिवसीय गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया गया। जिसका शीर्षक ’’करियर विकास और पेशेवर प्रशिक्षण में विशेषज्ञता’’ रहा। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता साही एक्सपोर्ट हाउस (फरीदाबाद ) में मैनेजर के पद पर कार्यकरत वरुण महरोत्रा और साथ में मिस अलका जो इंडिया के टॉप फैशन कॉलेजेस के लिए फ्रीलांसर काम करती है रही। कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि वरुण महरोत्रा, मैनेजर साही एक्सपोर्ट हाउसऔर साथ में मिस अलका तथा ललित कला विभाग के निदेशक डॉ. मनोज धीमान, विभागाध्यक्ष मीनाक्षी काकरान आदि द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई।

मुख्य वक्ता वरूण महरोत्रा ने बताया कि वर्तमान समय में करियर के प्रति सही दृष्टिकोण और चुनौतियों का सामना करना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने करियर में विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन सही दिशा और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ हर चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है। इस अवसर पर विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया, जिनमें विशेषज्ञों ने अलग-अलग विषयों पर अपनी राय और अनुभव साझा किए। करियर योजना और लक्ष्य निर्धारण सत्र में विशेषज्ञों ने समझाया कि कैसे करियर की योजना बनाते समय दीर्घकालिक और अल्पकालिक लक्ष्यों का संतुलन बनाना चाहिए। सही मार्गदर्शन और आत्ममूल्यांकन के द्वारा करियर की दिशा निर्धारित करने पर जोर दिया गया। चुनौतियों का प्रबंधन और समस्या-समाधान कौशल सत्र में, प्रतिभागियों को यह सिखाया गया कि जब करियर में चुनौतियों का सामना हो, तो उनके समाधान के लिए किस प्रकार की रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं। इसके लिए मॉक प्रैक्टिस और सिमुलेशन सेशन्स का भी आयोजन किया गया। नेटवर्किंग और प्रोफेशनल विकास सत्र में नेटवर्किंग के महत्व को समझाते हुए विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे सही लोगों के साथ जुड़े रहकर और उनसे सीखकर अपने करियर में तेजी लाई जा सकती है। विफलता से सीखना और पुनः प्रयास करना सत्र में, वक्ताओं ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए और बताया कि करियर में आई असफलताएँ व्यक्ति को मजबूत बनाती हैं, बशर्ते कि उनसे सीखा जाए और पुनः प्रयास किया जाए।
कार्यशाला के अंत में एक प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों और चुनौतियों के बारे में सवाल पूछे। वक्ताओं ने उनके प्रश्नों के समाधान के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए।
कार्यशाला में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों ने इसे बेहद उपयोगी और प्रेरणादायक बताया। एक प्रतिभागी ने कहा, इस कार्यशाला ने मुझे मेरे करियर के प्रति नए दृष्टिकोण और आत्मविश्वास से भर दिया है। मुझे अब समझ में आ गया है कि चुनौतियों का सामना किस प्रकार किया जा सकता है और कैसे उन्हें अवसर में बदला जा सकता है।
इस कार्यशाला के सफल आयोजन के बाद, ललित कला विभाग के निदेशक डा. मनोज धीमान द्वारा विद्यार्थियों को भविष्य में भी इसी तरह की और कार्यशालाओं का आयोजन करने का आश्वासन दिया गया, ताकि अधिक से अधिक युवा और पेशेवरों को उनके करियर में सफल होने के लिए प्रेरित किया जा सके। कार्यशाला रजनीकांत, डॉ. अनु, बिन्नू पुंडीर, रीना त्यागी, मयंक सैनी, अजित कुमार मन्ना, सोनी श्रीवास्तव, शहज़ादी, करुणाकर शर्मा आदि का योगदान रहा है।

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