खबर का असरः जमीन घोटाले के मामले में डीएम के आदेश पर तहसीलदार ने दी पुलिस में तहरीर, अब होगा दूध का दूध और पानी का पानी

शि.वा.ब्यूरो, खतौली। शिक्षा वाहिनी ने बीते दिवस नगर में नगर में लावारिस जमीन पर अवैध रूप से बंदरबाट किये जाने सम्बन्धी समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। आज उस खबर का असर देखने को मिल गया है। जिलाधिकारी के आदेश पर तहसीलदार श्रद्धा गुप्ता ने कोतवाली में आरोपियों के खिलाफ तहरीर दे दी है।

बता दें कि शिक्षा वाहिनी ने बीते दिवस कहा था कि राजस्व विभाग में करोड़ों की सम्पत्ति की लूटखसौट में लाखों के वारे-न्यारे करने का मामना उजागर हुआ है। यदि मामले की निष्पक्ष जांच हुई तो तत्कालीन कई राजस्व अफसरों सहित कई अन्य लोगों की गर्दनें फंस सकती हैं। हालांकि लगभग आधा दशक पुराने मामले में राजस्व अफसरों ने उक्त लावारिस भूमि पर राजस्व विभाग के कब्जे का बोर्ड लगा दिया है, लेकिन पर्दे के पीछे अपने चहेतों को बचाने और निदोर्षों की फंसाने की साजिश की कोशिशें पूरे जोरों पर हैं। जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए आज तहसीलदार को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिये थे, जिसके बाद तहसीलदार ने कोतवाली में तहरीर दे दी है। अब जांच की तलवार तत्कालीन राजस्व विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही नगर पालिका के अधिकारियों कर्मचारियों पर भी लटक गयी है। 

जालसाजी करके जमीन की हकदार मरियम के पाकिस्तान जाने के बावजूद मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के मामले में तत्कालीन नगर पालिका के सम्बन्धित अधिकारी व कर्मचारी भी जांच के दायरे में आ गये हैं, इसके साथ ही उक्त मामले में गवाही करने वाले नगरपालिका परिषद के तत्कालीन दो सभासदों पर भी गाज गिर सकती है। इस मामले के मुख्य सूत्रधार माने जा रहे तत्कालीन लेखपाल भी गाज गिर सकती है। सूत्रों की माने तो अपने कार्यकाल के दौरान उक्त लेखपाल ने भारी सम्पत्ति अर्जित की थी। चर्चा है कि उसने मेरठ गाजियाबाद और नोएडा में भी करोड़ों की सम्पत्ति अर्जित कर ली है। सूत्रों की मानें तो आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में तत्कालीन उक्त लेखपाल के खिलाफ जांच चल रही है।

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