होना चाहिये

डॉ. अ. कीर्तिवर्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

अगडो- पिछड़ों का खेल, 
अब बन्द होना चाहिये,
एक देश समान नागरिक, 
अधिकार होना चाहिये।
खेल चुके हो खेल बहुत, 
जाति धर्म में बाँटने का,
मानव- मानव के बीच, 
मानवता धर्म होना चाहिये।
एक राष्ट्र- समान शिक्षा, 
चिकित्सा की बात हो,
तुष्टीकरण बन्द हो, 
योग्यता आधार होना चाहिये।
समर्थ हों- समृद्ध भी हों, 
राष्ट्र विकास लक्ष्य हो,
संस्कार- संस्कृति- सभ्यता, 
चरित्र होना चाहिये।
विद्यालक्ष्मी निकेतन, 53-महालक्ष्मी एन्क्लेव, मुज़फ्फरनगर उत्तर प्रदेश

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