केन्द्रीय नोडल अधिकारी प्रतिमा सिंह ने की कैच द रेन अभियान की समीक्षा

गौरव सिंघल, सहारनपुर। निदेशक उद्योग और आंतरिक व्यापार प्रचार एवं केन्द्रीय नोडल अधिकारी प्रतिमा सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित नवीन सभागार में जनपद में कैच द रेन 2025 जल शक्ति अभियान की प्रगति की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में जिले में जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, पारंपरिक जल स्रोतों के पुनरुद्धार पर चर्चा की गयी। जिलाधिकारी  मनीष बंसल द्वारा पीपीटी के माध्यम से जल शक्ति अभियान कैच द रेन 2025 के तहत जनपद में किये गये जल सम्भरण कार्यों जैसे तालाब जीर्णाेद्धार, खेत तालाब, रूफ टाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग, वाटर शेड, साकपिट, वृक्षारोपण आदि की जानकारी दी गई। नोडल अधिकारी ने जिले की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रशंसा की। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जनपद में सिंघली नदी के पुर्नरुद्धार के लिए गए कार्यों के साथ जनपद में किए गए और होने वाले पौधरोपण की भी जानकारी दी। बैठक में सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों द्वारा भी कराये गये कार्यों के सम्बन्ध मे विवरण प्रस्तुत किया गया। केन्द्रीय नोडल अधिकारी द्वारा जनपद में कराये जा रहे भूजल सवर्द्धन एवं जीर्णाेद्धार कार्य, रूफ टाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली पर सन्तोष व्यक्त किया गया।

नोडल अधिकारी प्रतिमा सिंह ने कहा कि जल अमूल्य है, इसलिए इसका संरक्षण बहुत जरूरी है। जल हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अनिवार्य हिस्सा है। हमारे घरेलू कार्याें से लेकर कृषि सहित अन्य कार्याें में भी जल का उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि कैच द रेन अभियान का मुख्य उद्देश्य वर्षा जल का संरक्षण करना और पानी की कमी को दूर करना है। यह अभियान जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चलाया जाता है। इस अभियान के तहत लोगों को वर्षा जल संचयन संरचनाएं बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि भूजल स्तर को ऊपर उठाया जा सके और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ लोगों को जल संरक्षण के महत्व और वर्षा जल संचयन के तरीकों के बारे में जागरूक करना भी शामिल है। अन्य उद्देश्य हैं लोगों को सक्रिय रूप से इस अभियान में शामिल करना और उन्हें वर्षा जल संचयन के लिए प्रेरित करना। वर्षा जल को इकट्ठा करके उसका संरक्षण करना और उसे विभिन्न उपयोगों के लिए उपलब्ध कराना। वर्षा जल संचयन संरचनाओं के माध्यम से भूजल स्तर को ऊपर उठाना और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना। वर्षा जल का संरक्षण करके पानी की कमी को कम करना और सूखे जैसी परिस्थितियों से निपटना। वर्षा जल संचयन से बाढ़, कटाव और जल प्रदूषण को कम करना भी अभियान का उद्देश्य है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी सुमित राजेश महाजन, डीएफओ शुभम सिंह, नामित तकनीकी अधिकारी विकास तोमर, वैज्ञानिक, सीजीडब्ल्यूए भारत सरकार, डीएफओ श्वेता सैन, अधिशासी अभियन्ता, लघु सिंचाई खण्ड, भूमि संरक्षण अधिकारी, उपनिदेशक कृषि, अधिशासी अभियन्ता जल निगम ग्रामीण, जिला उद्यान अधिकारी एवं अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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