सीएससी बाल विद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, नालागढ़ (हिमाचल प्रदेश)। विश्व पर्यावरण दिवस पर सीएससी बाल विद्यालय में पर्यावरण सुरक्षा पर आयोजित कार्यक्रमों के तहत बच्चों ने आमजन को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया। इस अवसर पर विभिन्न गतिविधियां भी संचालित की गयी। सीएससी बाल विद्यालय की प्रधानाचार्य प्रीती शर्मा असीम ने विश्व पर्यावरण दिवस की महत्ता पर प्रकाश भी डाला।

प्रधानाचार्य प्रीती शर्मा "असीम" ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में 5 जून को मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1972 में पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने की थी। उन्होंने बताया कि इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि यह कई गैर-सरकारी संगठनों, व्यवसायों, सरकारी संस्थाओं द्वारा समर्थित है और पर्यावरण का समर्थन करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्राथमिक आउटरीच दिवस का प्रतिनिधित्व करता है।

उन्होंने बताया कि 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था और तभी से ही यह समुद्री प्रदूषण, अधिक जनसंख्या, ग्लोबल वार्मिंग, टिकाऊ विकास और वन्यजीव अपराध जैसे पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने का एक मंच रहा है। उन्होंने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस सार्वजनिक आउटरीच के लिए एक वैश्विक मंच है, जिसमें सालाना 143 से अधिक देशों की भागीदारी होती है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष इसने पर्यावरणीय कारणों की वकालत करने के लिए व्यवसायों, गैर सरकारी संगठनों, समुदायों, सरकारों और मशहूर हस्तियों के लिए एक थीम और मंच प्रदान किया है।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण को सुधारने हेतु यह दिवस महत्वपूर्ण है, जिसमें पूरा विश्व रास्ते में खड़ी चुनौतियों को हल करने का रास्ता निकालता हैं। उन्होंने बताया कि लोगों में पर्यावरण जागरूकता को जगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना और दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों को देखना है। इस अवसर पर सिमरन और अदिती सहित विद्यालय के सभी शैक्षणिक स्टाॅफ मुख्य रूप से मौजूद रहा।



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