अंतिम सफर
अर्चना त्यागी, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। उन्हें घूमने का बहुत शौंक था। रिश्तेदारियों में भी वह खूब आते जाते थे। किसी को शहर जाना हो या किसी दूसरी जगह कोई काम हो, उनके पास अा जाता था। वह तो जैसे अवसर की ताक में ही रहते। तुरंत कपड़े घर भिजवा देते धोने के लिए। घर वाले भी उनकी आदत भली भांति परिचित ह…